जानिए कब है भगवान भैरव की पूजा का दिन, कालाष्टमी पर करें ये काम मनोकामनाएं होंगी पूरी

भगवान शिव जी के रौद्र रूप यानी काल भैरव की उपासना का सबसे उत्तम दिन कालाष्टमी माना गया है। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन को भैरवाष्टमी के नाम से भी लोग जानते हैं। कालाष्टमी के दिन भक्त काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए इनकी पूजा आराधना और व्रत करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार देखा जाए तो रात्रि के समय भगवान काल भैरव की पूजा का समय होता है। भगवान भैरव की कृपा पाने के लिए यह तिथि सबसे श्रेष्ठ मानी गई है। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ व्रत करता है और विधि-विधान पूर्वक पूजा करता है तो उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

कालाष्टमी का महत्व

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि जो भक्त कालाष्टमी के दिन पूरी निष्ठा और नियम के साथ काल भैरव की पूजा और व्रत करता है उसके जीवन के तमाम संकट दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं बल्कि भय से भी छुटकारा मिलता है। शत्रु बाधा से मुक्ति मिल जाती है। आपको बता दें कि काल भैरव का सौम्य रूप बटुक रूप है इसलिए साधारण जन को भगवान काल भैरव के बटुक रूप की पूजा करनी चाहिए। कालाष्टमी के दिन व्रत और पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। काल भैरव अपने भक्तों के लिए दयालु और कल्याणकारी माने गए हैं।

कालाष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त

इस साल कालाष्टमी 4 फरवरी 2021 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन माघ मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। अष्टमी तिथि का आरंभ 4 फरवरी 2021 दिन गुरुवार रात्रि 12:07 बजे से है और अष्टमी तिथि का समापन 5 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार की रात्रि 10:07 बजे पर है।

पूजा विधि

1. अगर कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा की जाए तो इससे भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसा माना जाता है कि काल भैरव की कृपा से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। इस दिन आधी रात में भगवान भैरव और मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।

2. कालाष्टमी के दिन भगवान शिव जी की कथा पढ़नी और सुननी चाहिए।

3. अगर आप कालाष्टमी का व्रत कर रहे हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि व्रत वाले दिन फलाहार करें।

4. कालाष्टमी के दिन व्रत और पूजन करने के साथ ही भैरव चालीसा का पाठ जरूर कीजिए। ऐसा माना जाता है कि इससे काल भैरव भगवान की कृपा सदैव बनी रहती है।

5. आपको बता दें कि कुत्ता भगवान भैरव का वाहन माना गया है इसलिए कालाष्टमी के दिन कुत्ते को भोजन जरूर कराएं।

उपरोक्त आपको कालाष्टमी तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में जानकारी दी गई है। ऐसा माना जाता है कि काल भैरव का रूप भयावय है लेकिन यह अपने भक्तों के लिए बहुत ही कल्याणकारी बताए गए हैं। जो भक्त अपनी सच्ची श्रद्धा से कालाष्टमी व्रत करता है उनके ऊपर काल भैरव की कृपा दृष्टि बनी रहती है। कालाष्टमी तिथि काल भैरव का आशीर्वाद पाने का बहुत ही शुभ दिन माना गया है इसलिए आप उपरोक्त बताई गई विधि से इनकी पूजा कर सकते हैं। आपको लाभ अवश्य मिलेगा।