करीना कपूर ने सालों बाद खोली कपूर खानदान की पोल, बोली- माँ ने अपने दम पर अकेले पाला था हमे किसी ने मदद नहीं की…

बॉलीवुड इंडस्ट्री भले ही बाहर से बहुत लुभावनी लगी मगर अंदर ही अंदर यह बहुत कुछ चलता रहता है. हम सुपरस्टार्स की ज़िन्दगी भले ही आसान समझते हो मगर हर किसी की ज़िन्दगी में किसी ना किसी तरह का संघर्ष रहता है है. चाहे कोई अपने कैरियर के उचई पर भी क्यूं ना हो उसने अपने जीवन में कभी ना कभी निराशा ज़रूर झेली है. ऐसा ही बॉलीवुड इंडस्ट्री में कपूर खानदान में देखने को मिलता है. करिश्मा कपूर ने किसी ज़माने में बॉलीवुड पर राज किया है और वहीं उनकी चोटी बहन करीना कपूर अब भी बॉलीवुड में बनी हुई है, मगर उनका यह सफर इतना आसान नहीं था. भले ही वह सुपरस्टार कपूर खानदान से जुड़ी हो मगर उन्होंने भी अपने शुरुआती दौर में बहुत संघर्ष देखा है.

दरअसल करीना कपूर और करिश्मा कपूर सुपरस्टार रणधीर कपूर की बेटियां है बावजूद इसके रणधीर ने अपनी बेटियो के साथ बहुत कम समय साथ बिताया है. बता दे की जब यह दोनों बहने छोटी थी उस समय कपूर खानदान ने अपनी बहू यानी बबिता कपूर जो कि रणधीर कपूर की पत्नी और करिश्मा और करीना की मां थी,उन्हें दोनों ही बच्चो के पालन के लिए समय बेसहारा छोड़ दिया था. बता दे की इस बात की जानकारी करीना कपूर में खुद एक इंटरव्यू के दौरान दिया था. उन्होंने बताया था कि उनके बचपन से लेकर बड़े होने तक अपने पिता को बहुत कम ही देखा है और उन्हें उनकी मां ने ही उनके दम पर इतना बड़ा किया और हमें इस काबिल बनाया है. वहीं बात की जाए रणधीर कपूर और बबिता की शादी की दोनो की शादी 1971 में हुई थी.

हालांकि अभिनेता रणधीर कपूर और बबिता कपूर ने फिल्म ‘कल आज और कल’ से बॉलीवुड में अपने कदम रखे थे मगर दोनो के रिश्ते समय के साथ खराब हो गए थे. गौरतलब है कि साल 1988 में रणधीर घर छोड़कर अपने मां-बाप के साथ रहने चले गए थे. वहीं बबिता ने अकेले ही अपनी दोनों बेटी को पाला था.उन्हें इस दौर में कई परेशानियों का अकेले ही सामना किया था. उन्हें पैसों की कमी भी हुई इसके लिए उन्होंने कई तरह के बिजनेस करना चालू कर दिए थे.

बहरहाल जब बबिता को सहारा की जरूरत थी तब उन्हें वो सहारा नहीं मिल पाया था. मगर इसके बावजूद उन्होंने अपनी बेटियो को काबिल बनाया है. करिश्मा डाइवोर्स के वक़्त भी उनकी मां ने उनका साथ नहीं छोड़ा था. करीना ने आगे इंटरव्यू में बताया था कि जैसे-जैसे वे दोनो बड़ी होने लगी उनके पिता रणधीर उनसे ज़्यादा दिन मुंह मोड़ नहीं पाए थे. समय के साथ वे अपनी बेटियो से भी प्यार करने लगे थे.