बल्लेबाज बनना चाहते थे तुषार देशपांडे लेकिन बन गए गेंदबाज, मेहनत और लगन से IPL में बनाई जगह

क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां पर हर युवा जाने का सपना देखता है। शुरुआत से ही क्रिकेट का खेल दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना हुआ है। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कोरोना काल में आईपीएल 2020 का 13वां सीजन चल रहा है। इस सीजन में ऐसे बहुत से युवा खिलाड़ी हैं जो अपनी प्रतिभा दिखाने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं। वैसे देखा जाए तो आईपीएल का मंच हमेशा से ही युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर देता है। आईपीएल में अपने दमदार खेल से युवा खिलाड़ी आगे बढ़ रहे हैं। इस सीजन में कई युवा खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से फैंस का दिल जीत लिया है। इन्हीं युवा खिलाड़ियों में से एक नाम दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलने वाले तेज गेंदबाज तुषार देशपांडे का भी आता है। हालांकि यहां तक पहुंचने के लिए इन्होंने अपने जीवन में बहुत मेहनत की है। काफी संघर्षों के बाद आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में इन्होंने अपनी जगह बनाई। आज हम आपको तुषार देशपांडे के जीवन से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

15 मई 1995 को मुंबई के कल्याण में जन्मे तुषार देशपांडे बचपन से ही क्रिकेट में बेहद दिलचस्पी रखते थे। जब यह स्कूल में पढ़ाई किया करते थे तो उसी दौरान से ही इन्होंने क्रिकेट खेलना आरंभ कर दिया था। इनके पिता उदय देशपांडे ने भी इनका पूरा साथ दिया। इनके पिताजी ने क्रिकेट की बारीकियों को सीखने के लिए इनको क्लब जाने की भी अनुमति दे दी। जब तुषार देशपांडे वर्ष 2019 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए खेल रहे थे तो इनके जीवन में एक दुखद घटना घट गई, इनकी माताजी इस दुनिया को छोड़ कर चली गईं। आपको बता दें कि तुषार देशपांडे की माताजी को कैंसर था, जिसकी वजह से इनका देहांत हो गया था। माता के जाने के बाद तुषार पूरी तरह से टूट गए थे।

बल्लेबाज बनना चाहते थे लेकिन गलती से बन गए गेंदबाज

तुषार देशपांडे बल्लेबाज बनना चाहते थे परंतु यह गेंदबाज बन गए। इनके गेंदबाज बनने को लेकर भी एक दिलचस्प कहानी है। वर्ष 2007 में तुषार देशपांडे अपने तीन से चार खिलाड़ी साथियों के साथ बल्लेबाज़ बनने के इरादे से कल्याण से शिवाजी पार्क जिमखाना में चयन के लिए गए थे। परंतु जब वहां पर उन्होंने देखा कि बल्लेबाजों की लंबी लाइन नजर आ रही है तो यह सोच-विचार में पड़ गए। गेंदबाजों की लाइन में बहुत ही कम खिलाड़ी लगे हुए थे। ऐसे में अगर तुषार बल्लेबाजों की लाइन में खड़े होते तो उनकी बारी ही नहीं आ पाती। इसी वजह से वह गेंदबाजो की लाइन में खड़े हो गए। उन्होंने गेंदबाज बनने का फैसला ले लिया था। अपने इस फैसले पर तुषार को कोई मलाल नहीं है।

तुषार देशपांडे में एक इंटरव्यू के दौरान यह बताया था कि जब यह अपने तीन-चार साथियों के साथ कल्याण से शिवाजी पार्क जिमखाना में चयन के लिए गए थे तो बल्लेबाजों की लंबी कतार थी। उसमें 40 से 45 खिलाड़ी खड़े थे और 20 से 25 बल्लेबाज पैड पहन कर तैयार थे। गेंदबाजों की कतार में केवल 15 से 20 खिलाड़ी ही थे। दोपहर बाद 3:30 बजे का समय था और चयन 6:00 से 6:30 तक ही होने वाला था। देशपांडे ने कहा कि मुझे लगा कि बल्लेबाजी के लिए लंबी कतार है, मुझे मौका नहीं मिलेगा, लेकिन मैं खाली हाथ नहीं लौटना चाहता था, इसलिए मैं गेंदबाजों की कतार में खड़ा हो गया।

आईपीएल 2020 में तुषार देशपांडे दिखा रहे हैं जलवा

तुषार देशपांडे ने एक बार स्पोर्ट्स स्टार मैगजीन से बातचीत के दौरान में यह कहा था कि वह वर्ष 2008 के आईपीएल के दौरान एक मैच में बॉल बॉय बने थे। यह मैच वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। उस समय देशपांडे की उम्र महज 13 वर्ष की थी। जब आईपीएल 2020 की नीलामी हुई तो दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने इनको 20 लाख रुपए में खरीद कर अपनी टीम में शामिल किया। दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें सीजन के 30वें मैच में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ डेब्यू मैच का अवसर प्रदान किया। तुषार देशपांडे ने अपने डेब्यू मैच में शानदार गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया था। अपने पहले ही ओवर में वह दिग्गज बल्लेबाज जास बटलर का विकेट लेते लेते रह गए थे। आखिर में दिग्गज ऑलराउंडर बेन स्टोक्स का विकट इन्होंने लिया। इस मैच में शानदार गेंदबाजी करते हुए 2 विकेट लिए थे। अपने जबरदस्त प्रदर्शन के बलबूते पर इन्होंने टीम में जगह बनाई। दिल्ली कैपिटल्स ने अगले मैच में चेन्नई के खिलाफ हुए मुकाबले में तुषार देशपांडे को खेलने का अवसर मिला। दिल्ली के कप्तान श्रेयष अय्यर ने तुषार को पहला ओवर फेंकने के लिए बॉल दी। अपने पहले ही ओवर की पहली बॉल पर देशपांडे ने सैम करन को आउट किया। आपको बता दें कि तुषार देशपांडे ने अब तक आईपीएल के दो मुकाबलों में शानदार गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट लिए।