माता के दरबार में लोगों की जिंदगी हो जाती है खुशहाल, दर्शन करने वालों की मुरादें मां संतोषी करती हैं पूरी

अगर किसी व्यक्ति के जीवन में किसी प्रकार की समस्या है और उसकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है तो इंसान हमेशा भगवान की शरण में जाता है और अपने जीवन की दुःख-परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करता है। वैसे देखा जाए तो हमारे देश में ऐसे बहुत से धार्मिक स्थल हैं, जहां पर लोग बड़ी संख्या में दर्शन करने के लिए जाते हैं। हमारा देश धार्मिक देशों में से एक माना जाता है और लोगों के अंदर ईश्वर के प्रति आस्था कूट-कूट कर भरी है, जिसकी वजह से देश के मंदिरों में भक्त बड़ी संख्या में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

हम सभी इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि देश भर में ऐसे बहुत से मंदिर हैं जो अपने चमत्कार और अपनी विशेषता के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से संतोषी माता के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जो अपने आप में बहुत ही खास माना जाता है। ऐसा बताया जाता है कि संतोषी माता के इस दरबार में दर्शन करने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की सारी दुख परेशानियां दूर हो जाती हैं। ऐसा बताया जाता है कि यहां पर पीपल के पेड़ पर चुनरी बांधने से भक्तों की मुरादे पूरी होती हैं।

दरअसल, हम आपको जिस मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह दिल्ली में स्थित संतोषी माता का मंदिर है। यह मंदिर हरी नगर डिपो के पास स्थित है, जिससे भक्तों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है। संतोषी माता के इस दरबार में दिल्ली-एनसीआर से बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। वैसे तो इस मंदिर में रोजाना भक्त माता के दर्शन करते हैं परंतु नवरात्रि के दिनों में यहां पर मेले का आयोजन होता है और उस दौरान भक्तों के अंदर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। यहां पर नवरात्रि के दिनों में भक्तों की भारी भीड़ लगती है।

संतोषी माता के इस दरबार के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर करीब 100 वर्ष पुराना है। इसके संस्थापक भगत शमशेर बहादुर सक्सेना हैं जैसे-जैसे भक्तों के बीच इसकी मान्यता बढ़ती गई, वैसे-वैसे मंदिर का स्वरूप भी बदलता गया। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह बताई जाती है कि यहां पर कोई भी पुजारी नहीं है। ऐसा बताया जाता है कि मां संतोषी यहां पर सहज रूप से प्रकट होकर भक्तों को दर्शन देती हैं। इस मंदिर में माता रानी की एक विशाल मूर्ति बनी हुई है। वह अष्टधातु की है। 24 घंटे यहां पर अखंड ज्योत प्रज्वलित होती रहती है।

ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में जो भी भक्त दर्शन करने के लिए आता है उसकी हर मनोकामना माता रानी पूरी करती हैं। इस मंदिर में एक पीपल का पेड़ है, जिसके बारे में ऐसा बताया जाता है कि इस पीपल के पेड़ में चुनरी बांधने से भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है। जब किसी भक्त की मनोकामना पूरी हो जाती है तो उसके बाद वह चुनरी खोलने के लिए माता के इस दरबार में आता है। माता का शृंगार ताजे फूलों से किया जाता है और रोजाना ही माता रानी के वस्त्रों को बदला जाता है। माता के दरबार में अमीर-गरीब सब बराबर हैं। सभी को लाइन में माता रानी के दर्शन कराए जाते हैं और प्रसाद-भंडारा भी लाइन में दिया जाता है।