कई पीढ़ियों ने की देश की सेवा, पिता भी थे अफसर, जानिए बिपिन रावत के परिवार के बारे में

बुधवार को एक बेहद दुखद खबर सामने आई। भारतीय वायु सेना का एक हेलीकॉप्टर बीते दिन तमिलनाडु में पर्वतीय नीलगिरी जिले में कुन्नूर के निकट क्रैश हो गया। इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत की जान चली गई। इससे पूरे देश में शोक है। इस हादसे में बिपिन रावत के साथ-साथ उनकी पत्नी सहित 13 लोगों की भी जान चली गई है। वहीं पायलट के बारे में ऐसा बताया जा रहा है कि उसकी हालत बहुत गंभीर चल रही है।

ऐसा बताया जा रहा है कि बिपिन रावत जी तमिलनाडु के कुन्नूर अपनी पत्नी के साथ हेलीकॉप्टर में जा रहे थे परंतु उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसकी वजह से उनकी और उनकी पत्नी की जान चली गई। ऐसा भी बताया जा रहा है कि यह किसी आतंकी दल की साजिश हो सकती है परंतु इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार के दिन संसद में बयान देंगे। इससे पहले वह दिल्ली स्थित जनरल बिपिन रावत के सरकारी आवास पर पहुंचे।

आपको बता दें कि बिपिन रावत को देश का पहला CDS अधिकारी यानि चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ बनाया गया है। यह पद आज से पहले किसी को नहीं मिला है। 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी में जन्मे बिपिन रावत मूल रूप से उत्तराखंड के ही रहने वाले थे। बिपिन रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में अपनी सेवा दे रहा है। बिपिन रावत के पिताजी का नाम लक्ष्मण सिंह है, जो लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए हैं। वहीं बिपिन रावत जी की मां पूर्व विधायक किशन सिंह की परमार की बेटी हैं और यह प्रदेश के उत्तकाशी की रहने वाली हैं।

जनरल बिपिन रावत दो बेटियों के पिता हैं। ऐसा बताया जाता है कि एक बेटी का नाम कृतिका रावत है। वहीं दूसरी बेटी के नाम की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। अगर हम बिपिन रावत जी की पत्नी की बात करें तो उनकी पत्नी का नाम मधुलिका रावत है, जो आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष रह चुकी हैं और यह शहीदों के आश्रितों की भलाई के अभियान में एक्टिव रहा करती थीं।

अगर हम जनरल बिपिन रावत जी की शिक्षा के बारे में बात करें तो इन्होंने देहरादून और शिमला में अपनी पढ़ाई पूरी की है। इसके पश्चात उन्होंने एनडीए और आईएमए देहरादून से सेना में प्रवेश लिया था। यह सेना में साल 1978 में शामिल हुए थे। बिपिन रावत जी मेरठ यूनिवर्सिटी से मिलिट्री मीडिया स्ट्रैटेजिक स्टडीज में पीएचडी भी कर चुके हैं।

17 दिसंबर 2016 को जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बाद 27वें सेनाध्यक्ष के रूप में भारतीय सेना की कमान संभालने वाले जनरल बिपिन रावत जी थे। साल 2020, एक जनवरी को देश में पहली बार सीडीएस की नियुक्ति हुई थी और जनरल बिपिन रावत जी देश के पहले सीडीएस बनाए गए। ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों में कई वर्षों तक बिपिन रावत जी कार्य कर चुके हैं।

बिपिन रावत जी के उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें “परम विशिष्ट सेवा मेडल” से भी सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं बल्कि बिपिन रावत जी को उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल आदि सम्मानों से सम्मानित किया गया था।