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परिवार में 7 पीढ़ियों के बाद गूंजी थी बेटी की किलकारी ,माता पिता ने बेटी के 10 वें जन्मदिन पर तोहफे में दी चांद पर ज़मीन

समय के साथ साथ लोगों की सोच में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है और जहाँ पहले के समय में कई रूढ़िवादी लोग बेटियों को बोझ समझा करते थे वही अब इस बदलते समय में इसी समाज में बेटियों का सम्मान करने वाले लोगों की कमी नहीं है और आज हम आपको एक ऐसे परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें 7 पीढ़ियों तक बेटी जन्मी ही नहीं और यह परिवार बेटी के जन्म के लिए तरस गया था और ऐसे में जब इस परिवार में एक बेटी का जन्म हुआ तो परिवार के सदस्यों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा| वही अपनी बेटी के जन्म को यादगार बनाने के लिए परिवार ने एक ऐसी अनूठी पहल की जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है दरअसल परिवार वालों ने अपनी बेटी के दसवें जन्मदिन के खास मौके पर उसे एक एक नायाब तोहफा भी दिया है |

आपको बता दें यह मामला बिहार के मधुबनी जिले का है जहां पर एक डॉक्टर दंपत्ति के घर में 7 पीढ़ी के बाद एक बेटी का जन्म हुआ था और अब वो बेटी 10 साल की हो गई है और वही अपनी बेटी के जन्मदिन को सबसे खास और यादगार बनाने के लिए इस दंपत्ति ने उसे बहुत ही नायाब तोहफा दिया है| आपको बता दें झंझारपुर (Jhanjharpur) के आरएस बाजार इलाके में रहने वाले डॉक्टर सुरविन्दु झा और डॉक्टर सुधा झा ने अपनी लाडली बिटिया आस्था भारद्वाज के दसवीं जन्मदिन के खास मौके पर उसे चांद पर 1 एकड़ जमीन खरीद कर उपहार स्वरूप दिया है और इन दिनों सोशल मीडिया पर इस दंपत्ति के द्वारा उठाए गए इस अनूठे कदम की हर कोई तारीफ कर रहा है|

झंझारपुर में अपना प्राइवेट नर्सिंग होम चलाने वाले डॉक्टर सुरविन्दु झा के मुताबिक आस्था भारद्वाज उनके साथ पीढ़ी के खानदान में पहली बेटी है| डॉक्टर सुरविन्दु ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि किसी भी खानदान के लिए बेटियां मान और सम्मान होती है परंतु उनके खानदान की सात पीढ़ी बेटी की किलकारी सुनने के लिए तरस गई और जब उनके घर में 7 पीढ़ी के बाद एक बेटी ने जन्म लिया तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा और अब उनकी बेटी आस्था 10 साल की हो चुकी है और अपनी बेटी के दसवीं जन्मदिन को सबसे खास बनाने के लिए उसके माता-पिता ने उसे चांद पर जमीन खरीद कर उपहार स्वरूप दिया है|

डॉक्टर सुरविन्दु झा ने मीडिया से बातचीत के दौरान की थी बताया कि चांद पर जमीन रजिस्ट्री कराने की पूरी प्रक्रिया में डेढ़ वर्ष का समय लग गया और इसके लिए उन्होंने सबसे पहले अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित लूना सोसाइटी की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन किया था और इसके बाद कई तरह की कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद और रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करने के बाद 27 जनवरी 2022 को चांद पर जमीन के रजिस्टर्ड पेपर उन्हें मिले थे |

चाँद पर की जमीन के पेपर्स उन्होंने अपनी बेटी को उसके जन्मदिन के खास मौके पर तोहफा में दिया है| इस डॉक्टर दंपत्ति के इस अनूठे कदम की हर कोई तारीफ कर रहा है और सोशल मीडिया पर भी इस डॉक्टर दंपत्ति और उनकी बेटी आस्था की तस्वीरें जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहे हैं|

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