देर रात 10 बजे मंदिर खुलवा कर रेखा ने रचाई थी शादी, पति राजीव गाँधी से लेकर सिंधिया तक से मिलवाने की करते थे जिद्द

बॉलीवुड के बनते और बिगड़ते रिश्ते कभी किसी से छिपे नहीं हैं. यहाँ जब दो लोगों को आपस में प्यार होता है तो शादी करने के लिए हर सीमा लांगने के लिए तैयार खड़े रहते हैं. वहीँ बात अगर इस फिल्म लाइन की सबसे सक्सेसफुल अभिनेत्री रेखा की करें तो आप में से शायद बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि वह शादीशुदा हैं. जी हाँ बेशक अब उनके पति इस दुनिया में नहीं हैं क्यूंकि उन्होंने अपनी जान दे डी थी. लेकिन आज भी इनकी शादी के किस्से काफी प्रचलित हैं. बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री रेखा की जिंदगी किसी पहेली से कम नहीं रही है. कुछ ऐसा ही था उनका मुकेश अग्रवाल से रिश्ता भी. आईये जानते हैं इनकी जिंदगी से जुड़े कुछ अनसुने किस्सों के बारे में:-

पति पेशे से थे बिजनेसमैन

दिल्ली के मिडिल क्लास फैमिली में जन्मे मुकेश ने कई साल तक छोटे-मोटे काम करते रहे और 24 साल के मुकेश ने अपनी खुद की कंपनी खोल डाली. इस कंपनी का नाम था हॉटलाइन, जो किचन के सामान बनाती थी. कंपनी तेजी से आगे बढ़ने लगी और मुकेश की भी दिल्ली के है सोसायटी वर्ग में पैठ बनने लगी. दिल्ली के छतरपुर स्थित अपने फार्म हाउस में लैविश पार्टियां आयोजित करने के लिए मशहूर मुकेश बॉलीवुड को लेकर एक तरीके से ऑब्सेस्ड थे.

ऐसे हुई रेखा और मुकेश की मुलाकात

दरअसल मुकेश किसी न किसी तरीके से बॉलीवुड सेलेब्स से मेलजोल बढ़ाने के तरीके में लगे रहते थे. उस वक़्त की मशहूर फैशन डिजाइनर बीना रमानी मुकेश और रेखा की कॉमन फ्रेंड थीं और उन्होंने ही पहली बार दोनों की मुलाकात कराई थी. यहीं से रेखा और मुकेश के बीच बातचीत और मुलाकात का सिलसिला शुरू हुआ.

10 बजे मंदिर खुलवाकर की शादी

बता दे की दोनों की मुलाकात को मुश्किल से एक महीने ही हुए थे कि मुकेश अचानक मुंबई पहुंच गए और रेखा के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया. रेखा भी तैयार हो गईं. वे जुहू में किसी मंदिर की तलाश में निकल गए. रेखा की जीवनी ‘रेखा: कैसी पहेली जिंदगानी’ में लेखक यासिर उस्मान लिखते हैं कि जुहू के इस्कॉन टेंपल के सामने एक और मंदिर था, मुक्तेश्वर देवालय. मुकेश ने इस मंदिर के जूनियर पुजारी संजय को जगाया और कहा कि वे तुरंत शादी करना चाहते है.

पति की सनक से परेशान हो गईं रेखा

हालांकि शादी के 3 महीने बाद ही रेखा और मुकेश की शादी में तमाम दिक्कतें आने लगीं. रेखा को अपनी गलती का एहसास हो गया और उन्हें लगने लगा कि मुकेश उन्हें ट्रॉफी की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. मुकेश को मशहूर और प्रभावशाली लोगों से संबंध बढ़ाने की सनक थी. एक बार वे जिद पर अड़ गए कि रेखा उन्हें राजीव गांधी से मिलवा दें. जिसे रेखा ने इनकार कर दिया था.

सिंधिया से मिलवाने की करते थे जिद्द

थोड़े दिन बाद ही मुकेश रेखा को साथ लेकर ग्वालियर जाने की जिद पर अड़ गए, जहां कांग्रेस के कद्दावर नेता माधवराव सिंधिया क्रिकेट मैच का आयोजन कर रहे थे. मुकेश का कहना था कि सिंधिया उनके बिजनेस में बहुत काम आ सकते हैं. रेखा इस बात से बेहद खफा हुईं और साफ साफ कह दिया कि अपने बिजनेस में मुझे मत इन्वॉल्व करो.

6 महीने बाद लिया तलाक का फैसला

मुकेश कि सनक को देख कर रेखा ने दूरी बनाना ज्यादा ठीक समझा. इसी बीच सितंबर 1990 में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक का फैसला ले लिया. पहले से ही डिप्रेशन में रहे मुकेश ने 2 अक्टूबर 1990 को मुकेश ने रेखा के दुप्पटे से फंदा तैयार कर सुसाइड कर लिया