बिहार की ज्योति ने ISRO में कंप्यूटर वैज्ञानिक बन कर बढ़ाया देश का गर्व, हासिल किया तीसरा रैंक

शहर की बेटी और भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्रा रही ज्योति का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में कंप्यूटर वैज्ञानिक के रूप में हुआ है. मुजफ्फरपुर के कलमबाग चाैक इलाके की ज्योति 2015-2019 में कंप्यूटर साइंस की छात्रा रही. फिलहाल वह कोल इंडिया रांची में एक्जीक्यूटिव है. ज्योति के पिता का नाम राजीव रंजन था वह एक प्रोफ़ेसर थे. उसने होली मिशन स्कूल मुजफ्फरपुर से 10 सीजीपीए के साथ 10वीं पास की. 12वीं में पारामाउंट एकेडमी में उसे 95.5 प्रतिशत अंक मिले. ज्योति ने बताया कि पिछले साल 12 जनवरी को इसरो में वैज्ञानिक के लिए एंट्रेंस एक्जाम दिया था. इस साल 16 मार्च काे इंटरव्यू हुआ. ज्योति काे देश भर में तीसरा स्थान मिला है.

ज्योति ने बताया कि उनका सपना वैज्ञानिक बनने का था. भागलपुर इंजीनियरिंग काॅलेज से कंप्यूटर साइंस की डिग्री लेने के बाद कहीं क्लासमेट का चयन प्राइवेट कंपनियों में हुआ था. लेकिन वह गवर्नमेंट सेक्टर में काम करना चाहती थी. इस दौरान उनको कई असफलता का सामना करना पड़ा और उनको लगा कि उनका गवर्नमेंट सेक्टर में नौकरी करने का फैसला गलत है.

लेकिन इसके बाद भी उन्होंने प्रयास करना नहीं छोड़ा.कड़ी मेहनत की. जिसके बाद उनका पहले कॉल इंडिया, फिर नेशनल इंफोर्मेटिक सेंटर में आईटी प्रोफेशनल के लिए चयन हुआ. उन्होंने नेशनल इंफोर्मेटिक में नौकरी करते हुए भी अपना वैज्ञानिक बनने का सपना नहीं छोड़ा. वह उसके लिए भी कड़ी मेहनत करती थी. और वह वैज्ञानिक बनने के लिए भी तैयारी करती रही. पिछले साल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने वैज्ञानिक पदों के लिए 12 जनवरी को प्रवेश परीक्षा आयोजन किया. प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद इसी साल 16 मार्च को उनका इंटरव्यू हुआ. इंटरव्यू पास करने के साथ-साथ ज्योति ने ऑल इंडिया में तीसरी रैंक प्राप्त की. जिसके बाद उनका सपना पूरा हो गया और उनका चयन वैज्ञानिक के रूप में हुआ. आखिरकार ज्योति को उनकी कड़ी मेहनत का फल मिल ही गया.

ज्योति की इस सफलता से उनका परिवार बहुत खुश है. (ISRO) जैसी संस्था में नौकरी प्राप्त करना ज्योति के टैलेंट और इसके पीछे लगी उनकी कड़ी मेहनत को दिखाता है जानकारी के लिए बता दें भारतीय अंतरिक्ष अनुसाधन संस्थान भारत के लिए अनेक प्रकार उत्पाद और उपकरणों का निर्माण करती है. इसरो ने अंतरिक्ष में देश के कई सफल और ऐतिहासिक एक्सपेरिमेंट किए हैं. इसके अलावा भी इसरो ने देश के कई कामों को आसान किया है जैसे कमौसम का पूर्वानुमान, भोगौलिक शिक्षा का प्रसारण करना, शिक्षा से संबंधित प्रसारण संचार का पता लगाना इसरो का प्रमुख कार्य है.