ख़ुद थे अनपढ़ लेकिन बहु को बनाया IAS अफ़सर, इस सास-ससुर को देशभर में मिल रहा सम्मान

अक्सर हम देश में अलग अलग सफलता की कहानियां सुनते है. कई की कहानियों में संघर्ष होता है तो कइयों की में चुनौती. आज हम जिसके बारे में बात करेंगे जा रहे है वह एक अलग मज़ेदार किस्सा है. जहा बहुत लोगो को घर से सपोर्ट नहीं मिलता उसी के विपरीत एक बहू को उसके सास ससुर से इतना प्यार मिला कि वह एक आईएएस अफसर बन गई. आइए जानते है कैसे एक अनपढ़ सास ससुर ने अपने सपोर्ट से बहू को अफसर बनाया.

दरअसल आईएएस बनी लड़की की सास अनपढ़ है वहीं ससुर 10वी पास है. सास ससुर ने बहू पर विश्वास कर उससे पढ़ने दिया और बहू ने भी उनका मान रखा. यह किस्सा दर्शाता है कि ज़रूरी नहीं पढ़े लिखे परिवार का ही कोई बच्चा आगे बढ़े, छोटे परिवार के लोग भी बड़ा सपना देख उससे पूरा कर सकते है. यह खबर है कमला नगर के शांति नगर में रहने वाली मंजू अग्रवाल के परिवार की. जिन्होंने खुद घर की जिम्मेदारी संभाली अपनी बहू अदिति अग्रवाल को बेटी मानकर पढ़ाया और उन्हें IAS ऑफिसर के मकाम तक पहुंचाया.

बता दे आईएएस अदिति अग्रवाल ने पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की है. उन्होंने इस कामयाबी का पूरा श्रेय सास मंजू अग्रवाल, ससुर राजीव अग्रवाल तथा पति निशांत अग्रवाल को देती है साथ ही उन्होंने यह कहा कि इन लोगों ने मेरा बहुत साथ दिया. अदिति अग्रवाल ने गाजियाबाद के मोदी नगर के दयावती मोदी पब्लिक स्कूल से 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की.

वहीं अदिति ने एपीजे स्कूल ऑफ आर्किटेक्ट एंड प्लानिंग ग्रेटर, नोएडा से बीआर्क की डिग्री ली. 2015 में इनका विवाह निशांत अग्रवाल से हुआ और बाद में उन्होंने IAS के एग्जाम की तैयारी शुरू करने का निर्णय लिया और अपनी मेहनत से पहली ही कोशिश में कामयाब रहीं.अदिति ने इस परीक्षा में ऑल इंडिया 282वीं रैंक प्राप्त की थी.

हालांकि वह बताती हैं कि सिविल सर्विसेज के एग्जाम में अच्छे परिणाम के लिए छात्रों को अपना बेसिक मज़बूत रखना चाहिए. IAS अदिति की चर्चा हर तरफ जोरो शोरो से है. उनकी सास ससुर की भी जितनी तारीफ करे वह कम है. एक बहु को अपनी बेटी मानना समाज के लिए एक अच्छा सबक है. यह एक प्रगतिशील देश निर्माण की नींव भी है जहां सबको सामान अधिकार दिया जाए. ऐसे बहुत कम परिवार है जो बहू के फैसलों का सम्मान करते हो. ऐसे सास ससुर और बहू पाना वाकई खुशी और किस्मत की बात होती है. अदिति भी अपने देश का पूर्ण विकास चाहती है. वे कहती है की व अब अपने शहर और देश के लिए कुछ अच्छा करना चाहती है .