Site icon NamanBharat

अंबानी से कम नहीं हैं सुनील शेट्टी की पत्नी माना, इस बिजनेस से हर महीने छापती हैं करोड़ों रूपये

देश की सबसे बड़ी व्यापारी महिला की जब बात की जाती हैं तो उसमें नीता अंबानी का नाम सबसे पहले लिया जाता हैं. अंबानी परिवार के पास करोड़ो का धन हैं. हालाँकि फ़िल्मी दुनियां की बात करें तो हम सुनील शेट्टी की वाइफ को भी बॉलीवुड की नीता या सुपर महिला व्यापारी भी कहा जा सकता हैं. इसका कारण ये हैं कि सुनील शेट्टी की बीवी ‘माना’ कुछ ऐसे बिजनेस चला रही हैं जिसके कारण से उने घर में हर साल करोड़ो रुपए का फायदा होता हैं. ज्यादातर बॉलीवुड सितारों की वाइफ का नाम उनके पति के कारण चर्चित होता हैं. वहीं सभी बीवियां ऐसी नहीं हैं. कुछ का एक प्रोफेशनल करियर है जिसके दम पर वो अपना नाम खुद ही चमका रही हैं. दरअसल शाहरुख़ की वाइफ गौरी खान, जॉन अब्राहम की प्रिय रुंचल, इमरान हाश्मी की परवीन शाहनी, विवेक ओबेरॉय की एलवा इत्यादि की बीवियां इसी तरह अपना नाम कमाती है.

हालाँकि माना शेट्टी यानी सुनील शेट्टी की वाइफ के बारे में आपको कुछ खास बातें बता रहे हैं. दरअसल 22 अगस्त को माना शेट्टी का बर्थडे होता हैं. ‘वंडरवुमेन’ के नाम से चर्चित माना ने अपने हस्बैंड सुनील के साथ मिल कर S2 नाम के एक रियल एस्टेट प्रोजक्ट पर काम किया हुआ हैं. इसके तहत उन्होंने मुंबई में 21 लक्जरी विला बनवा दिए. इनके अंदर उन्होंने सारी सुख सुविधाएं दी हुई थी. इनका साइज़ लगभग 6500 स्क्वायर फीट लगभग था. इसके अलावा माना एक लाइफ स्टाइल स्टोर भी चलाती हैं. इसमें होम व ऑफिस डेकोरेशन से लेकर और भी कई चीजें बेची जाती हैं. ये एक लग्जरी शाॅप हैं जिसकी कारण से यहाँ हमेशा महँगी और ऊँची क्वालिटी के आइटम्स ही बेचे जाते हैं.

बता दें कि बिजनेस के अलावा माना सोशल वर्क भी कर रही हैं. वे ‘सेव द चिल्ड्रेन इंडिया’ नामक एक एनजीओ से जुड़ी है. वे अक्सर इसके लिए फंड जुटाती हैं. इसके लिए वे ‘आराइज़’ नाम का एक एग्जिबिशन करती हैं. इससे उन्हें जो भी पैसा मिल जाता हैं उसे नीडी लड़कियों और महिलाओं के सुधार में लगा देती है.

वहीं कहते हैं कि सुनील शेट्टी के परिवार की वार्षिक आय 150 करोड़ से भी ऊपर हैं. खास बात ये हैं कि इतना पैसा कमाने में सुनील के साथ उनकी वाइफ का भी बराबर योगदान है. इससे पता चलता है कि पति चाहे कितना ही कमाता हो लेकिन अगर खुद भी कमाते हो तो उससे आपका भी नाम होता हैं. महिला अपने पैरो पर खड़ी हो तो ये उसके लिए बहुत गर्व की बात हैं. इसलिए लड़कियों का पढ़ना लिखना भी उतना ही जरूरी होता है जितना कि अन्य का. पढाई लिखाई और महिलाएं को मौके देने से वे जरूर कुछ कर सकती है.

Exit mobile version