मिलिए साल 2020 की कोरोना महिला वॉरियर्स से, जिन्होंने जान हथेली पर रख निभाई अपनी जिम्मेदारी

पूरी दुनिया के लिए साल 2020 बेहद खराब साबित हुआ है। आप ऐसा कह सकते हैं कि वर्ष 2020 देश के लोगों के लिए मनहुस साल रहा है। इस साल में कोरोना वायरस की वजह से लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के दौरान लोगों का काम-धंधा बंद हो गया। नौकरी करने वाले लोगों की नौकरी छूट गई। बिना काम-धंधे के घर का गुजारा चला पाना बेहद मुश्किल हो गया। भले ही समय के साथ-साथ कोरोना वायरस की बीमारी खत्म हो जाएगी लेकिन इतिहास में इस महामारी को हमेशा याद रखा जाएगा।

सभी लोग 2020 को अलविदा कह चुके हैं और नया साल 2021 आ चुका है। सभी लोगों को उम्मीद है कि यह नया साल उनके लिए अच्छा साबित होगा। इसी बीच हम उन महिलाओं की कुर्बानी को याद दिला रहे हैं जिन्होंने तेजी से फैल रही महामारी के समय अपनी जान और परिवार की जिम्मेदारियों को पीछे छोड़ कर अपना फर्ज निभाया। कोरोना काल में यह महिला वॉरियर्स कोरोना मरीजों की सेवा के लिए सामने आईं। तो चलिए जानते हैं साल 2020 की उन महिला वॉरियर्स के बारे में।

शिखा मल्होत्रा

अगर आप फिल्में देखना पसंद करते हैं तो आप यह जरुर जानते होंगे कि आखिर शिखा मल्होत्रा कौन है? आपको बता दें कि भले ही अभिनेत्री शिखा मल्होत्रा ने फिल्मों से कुछ ज्यादा पहचाने नहीं बनाई है लेकिन कोरोना महामारी के बीच इन्होंने नर्स बनकर कोरोना से संक्रमित मरीजों की सेवा की थी जिसकी वजह से इन्होंने एक अलग ही पहचान बनाई है। आपको बता दें कि शिखा मल्होत्रा कोरोना वायरस संक्रमित लोगो की सेवा करते हुए खुद भी कोरोना संक्रमित हो गई थीं लेकिन इसके बाद भी यह लोगों की सेवा से पीछे नहीं हटीं, लगातार यह लोगों की सेवा करती रहीं। हालांकि अभी हाल ही में अभिनेत्री शिखा मल्होत्रा को स्ट्रोक आने की वजह से अस्पताल में एडमिट कराया गया था। इन्होंने कोरोना काल में जो काम किया है वह सराहनीय है।

डॉक्टर अंकिता अग्रवाल

कोरोना महामारी के बीच लड़ने वालों में डॉक्टर अंकिता अग्रवाल का भी नाम है जिन्होंने सेवा कार्य के लिए पारिवारिक जिम्मेदारियों की भी परवाह नहीं की। आपको बता दें कि दंत चिकित्सक डॉक्टर अंकिता अग्रवाल जिस समय के दौरान गर्भवती थीं, उस समय वह घर पर मातृत्व अवकाश लेने की बजाए बीमारों की सेवा करने में जुटी हुई थीं। इतना ही नहीं बल्कि मां बनने के बाद भी अपने बच्चे को अपनी मां के पास छोड़ कर ड्यूटी पर जाती थीं और अपना फर्ज पूरी ईमानदारी के साथ निभाती थीं।

महिला कैब ड्राइवर विद्या

कोरोना महामारी के बीच महिला कैब ड्राइवर विद्या ने अपने परिवार की जिम्मेदारियों के साथ-साथ कोरोना काल में दूर रह रहे लोगों को उनके घर पहुंचाने का भी जिम्मा लिया था। आपको बता दें कि लॉकडाउन की वजह से विद्या की नौकरी छूट गई थी लेकिन इन्होंने लोगों की सहायता करने का फैसला कर लिया था। भले ही इनकी नौकरी नहीं थी लेकिन मुसीबत में फंसे हुए लोगों को इन्होंने सहायता दी और घर तक अपनी कैब में पहुंचाया।

निधि परमार हीरनंदानी

कोरोना वायरस के कारण जब देश भर में लॉकडाउन का ऐलान हुआ था तब उस दौरान फिल्ममेकर और प्रड्यूसर निधि परमार हीरनंदानी ने अपना भरपूर योगदान दिया था। आपको बता दें कि इन्होंने करीब 42 लीटर ब्रेस्ट मिल्क डोनेट किया था। निधि परमार हीरनंदानी में बहुत से बच्चों की भूख मिटा कर उनको एक नया जीवन प्रदान किया था। आपको बता दें कि निधि इसी वर्ष एक बेटे की मां बनी हैं। उनका कहना है कि बेटे के जन्म के पश्चात उनका बहुत सारा ब्रेस्ट मिल्क व्यर्थ हो रहा था। वह अपने दूध का किसी तरह से प्रयोग करना चाहती थीं, जिसकी वजह से उन्होंने ब्रेस्ट मिल्क डोनेट करने का फैसला लिया।