कई मिसकैरेज के दर्द झेलने के बाद गौरी खान बनी थीं आर्यन खान की माँ, शाहरुख़ संग फूटा मीडिया के सामने दुःख

हर लडकी के लिए मां बनना एक ऐसा सपना होता है जिसके लिए वो बहुत बेसब्री से इंतजार करती है| एक लड़की के लिए सन्तान सुख की प्राप्ति का एहसास स्वर्ग से भी ख़ास होता है| ऐसे में जब किसी लडकी को प्रेगनेंसी की खबर मिलती है तो उसकी खुशियाँ आसमान छुने लगती हैं| पर कभी कभी ऐसा भी देखा जाता है के किन्ही कारणों से किसी लडकी का यह सपना पूरा नहीं हो पाता या फिर दिख कर टूट जाता है| ऐसे में लडकी पूरी तरह से टूट जाती है या फिर लडकी के स्वभाव पर इसका बहुत ही घर असर देखने को मिलता है|

आज हम आपको बॉलीवुड के किंग खान यानी शाहरुख खान की पत्नी गौरी खान से जुडी कुछ ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं| आज हम आपको शाहरुख़ खान की पत्नी गौरी की जिंदगी में आये मिसकैरेज जैसे दौर के  बारे में बताने जा रहे हैं| बेहद ही व्यस्त और ग्लैमर सेर भरी जिंदगी जीने वाले ये स्टार्स भी ऐसे मुस्किल दौर से गुजरते हैं| इन सब बातों की जानकारी शाहरुख़ ने खुद एक इंटरव्यू के दौरान ज़ाहिर की|

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किंग खान की बात करें तो इनके तीन बच्चे हैं। जिनके नाम आर्यन खान, सुहाना खान और अब्राहम खान हैं| इनमे सबसे बड़ा इनका बेटा है जिसका नाम आर्यन है इसके बाद बहन सुहाना उर सबसे छोटा बेटा अबराम खान है। लेकिन इन 3 बच्चों की खुशहाली मिलने से पहले गौरी नें कई दुःख झेले हैं| बेटे आर्यन के होने से पहले गौरी को बेबी कार्य करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा|

कई बार तो ऐसे भी हालात बने के बेबी कंसीव करने के बाद गौरी को मिसकैरेज का सामना करना पड़ा| जिसके बाद एक वक्त वो काफी डिप्रेस होकर रहने लगी थीं| लेकिन फिर कई मिन्नतों के बाद गौरी नें बेटे आर्यन को जन्म दिया जिसके बा भी गौरी के जीवन में स्वास्थ्य से जुडी दिक्कतें बनी रहीं| एन इंटरव्यू के दौरान गौरी ने यह बात कही थी के उनका एक सपना यह जो के पूरा नही हो पाया| वह सपना था के इनकी पहली सन्तान एक बेटी हो जो के पूरी न हो सकी| हालाँकि बेटी सुहाना का जन्म उनका यह सपना पूरा करने में कामयाब रहा|

दो बच्चों को जन्म देने के बाद इन्होने कुछ वक्त तक इनकी परवरिश पर ध्यान देने की सोची| इसके बार शाहरुख और गौरी नें लगभग 13 सालों बाद खुद को अपने तीसरे बच्चे के लिए तैयार माना और फिर गौरी तीसरी बार बेटे अब्राहम की माँ बनीं| गौरी की उम्र लगभग 40 की हो चुकी थी| ऐसे में अब्राहम को कंसीव करना उनकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता था लेकिन उन्हे एक और बच्चे की चाह थी| ऐसे में गौरी नें अब्राहम को जन्म दिया|

हालाँकि कई मिसकैरेज झेल चुकी गौरी के तीसरे बच्चे के जन्म के लिए दोनों नें सरोगेसी का रास्ता चुना। अबराम की बात करें तो इनका जन्म प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह में ही सफल हो गया था|

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उस वक्त अब्राहम का भार लगभग 1.5 किलो ही था जो के उसे अस्वस्थ बता रहा था लिहाज़ा उन्हें बच्चे के साथ काफी वक्त अस्पताल में ही रहना पड़ा|