लोगों को समोसा-निहारी खिलाने के लिए छोड़ दी गूगल की अच्छी-खासी नौकरी, आज फिल्मी सितारे भी हैं उनके फैन

अगर अपने जीवन में कुछ बड़ा करना है, तो इसके लिए रिस्क लेना बहुत जरूरी माना जाता है। कामयाबी की मिसाल वही लोग पेश कर पाते हैं, जो जोखिम उठाने को तैयार रहते हैं। एक ऐसे ही शख्स ने रिस्क उठाया और आज वह शोहरत की बुलंदियों पर है। जी हां, दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी गूगल में काम करने का हर किसी का सपना होता है क्योंकि काम और सैलरी के मामले में गूगल को काफी बेहतर माना जाता है।

गूगल जैसी कंपनी में नौकरी इतनी आसानी से नहीं मिल पाती है लेकिन गूगल में नौकरी करने वाले एक शख्स ने सिर्फ समोसे बेचने के लिए इतनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी और इस काम से वह इतना कामयाब हुआ कि उसके खाने की चर्चा बॉलीवुड तक पहुंच गई।

आज हम आपको जिस शख्स की कहानी बता रहे हैं उसका नाम मुनाफ कपाड़िया है, जिन्होंने “द बोहरी किचन” (The Bohri Kitchen) के नाम से लोगों को खाना खिलाना शुरू किया और धीरे-धीरे उनके फैंस में बड़े-बड़े लोगों के नाम जुड़ गए हैं।

मुनाफ कपाड़िया ने अपनी मां के हाथ के बने समोसे बेचने के लिए गूगल की नौकरी छोड़ दी लेकिन सिर्फ एक साल बाद ही उनका टर्नओवर 50 लाख रुपए से अधिक हो गया। तो चलिए जानते हैं मुनाफा कपाड़िया की सफलता की कहानी के बारे में…

मुनाफ कपाड़िया ने द बेटर इंडिया से बातचीत करते हुए यह बताया था कि कुछ साल पहले अपने जन्मदिन पर उन्होंने कुछ दोस्तों को खाने के लिए बुलाया था। उनके दोस्तों को मुनाफ कपाड़िया की मां के हाथ का बना खाना बहुत ज्यादा पसंद आया। मुनाफ की मां का नाम नफीसा है, जो खाना पकाने का शौक रखती हैं और यहीं से शुरूआत बोहरी किचन की हुई।

मुनाफ कपाड़िया दाऊदी बोहरा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने यह नोटिस किया कि वह जो खाना खाते हैं वह बाजार में आराम से नहीं मिलता। स्मोक्ड चिकेन कीमा, नल्ली-नहारी, काजू चिकन, यह वह चीजें थे, जिन्होंने इस खाने को बाकी से अलग किया। जब दोस्तों से तारीफ मिली तो उसके बाद मुनाफ ने अपने घर पर ही डायनिंग एक्सपीरियंस की शुरुआत कर दी।

उन्होंने कुछ दोस्तों को कॉल और ईमेल किया जिससे वह अपने घर पर होटल सरीखा एक्सपीरियंस कर पाए। महज 2 घंटे के अंदर ही उन्हें कई दोस्तों और जान पहचान वालों की तरफ से फोन कॉल आने लग गई। उनका यह पहला डायनिंग एक्सपीरियंस बेहद शानदार रहा था और लोगों को खाना बहुत पसंद आया।

जब दोस्तों से अच्छा फीडबैक मिला तो उसके बाद मुनाफ ने हर हफ्ते ऐसा ही एक डायनिंग एक्सपीरियंस अपने घर में रखने का निर्णय लिया। उस समय के दौरान मुनाफ गूगल में नौकरी कर रहे थे। धीरे-धीरे द बोहरी किचन की तारीफ बढ़ती चली गई और कई पत्रकार भी उनसे बात करने की इच्छा जताने लगे।

2015 तक पूरे मुंबई और आसपास के इलाकों में मुनाफ के घर के खाने की चर्चा होने लगी। इस लोकप्रियता के बाद उन्होंने 2 किचन बनाएं ताकि लोगों तक बढ़िया खाना पहुंचाया जा सके। मेन्यू में 100 चीजों की लिस्ट थी। बॉलीवुड के कई बड़े बड़े सितारे उनके पहने थे, जिनमें रानी मुखर्जी, रितिक रोशन जैसे स्टार्स शामिल हैं।

द बोहरी किचन की थाली

मुनाफ और उनकी मां नफीसा की 3.5 मीटर चौड़ी थाली की चर्चा सबसे ज्यादा होती थी। इस थाली का मकसद सभी पकवान लोगों तक पहुंचाना है। इसी “द बोहरी किचन” को पूरा समय देने के लिए मुनाफ ने अपनी नौकरी भी छोड़ दी। इस किचन परंपरा का मुख्य उद्देश्य लोगों को आराम और प्यार से खाना खिलाना है।

आपको बता दें कि इस वक्त द बोहरी किचन के दो डिलीवरी किचन हैं और यह 1 महीने में 3 बार लोगों को डायनिंग एक्सपीरियंस के लिए बुलाते हैं। एक व्यक्ति के लिए एक मील की कीमत 1500 से 3000 रुपए के बीच होती है। जैसे-जैसे काम बढ़ता गया वैसे ही मुनाफ की मां नफीसा की मदद के लिए कुछ कुक भी रखें है जिन्हें उन्होंने खुद ट्रेन किया है। द बोहरी किचन की चिकन बिरयानी, चिकन कटलेट के अलावा दूधी का हलवा और खजूर की खट्टी-मीठी चटनी बहुत प्रसिद्ध है।

आपको बता दें कि मुनाफ ने कुछ समय पहले ही बाकी शहरों तक भी द बोहरी किचन का एक्सपीरियंस पहुंचाने के लिए 5 आउटलेट खोले थे जिन्हें अब बंद कर दिया गया है। जब कोरोना के चलते लॉकडाउन लगा तो उनके काम पर असर पड़ा। लॉकडाउन में उन्हें और सोचने का वक्त मिल गया। लोगों ने पहले एक्सपीरियंस ना किया हो, कुछ ऐसा बनाना ही उनका हर बार मकसद होगा।