कोरोना काल में दिन-रात लोगों की मदद कर रहे हैं नकुल, कोविड मरीजों के घरों तक पहुंचा रहे हैं राशन और दवाई

कोरोना महामारी के बीच आए दिन ऐसी कोई ना कोई खबर सुनने को मिल ही जाती है, जिसको जानकर बहुत दुख होता है। सोशल मीडिया हो या फिर टीवी, कोरोना के माहौल में दिल तोड़ देने वाली तस्वीरें जब नजर आती है तो मन को बहुत दुख पहुंचता है। कोरोना की दूसरी लहर बहुत खतरनाक साबित हो रही है। रोजाना ही कोरोना मरीजो की संख्या बढ़ रही है। इतना ही नहीं बल्कि कई लोग कोरोना की वजह से अपनी जान भी गँवा चुके हैं।

कोरोना काल में सभी लोग बेहद परेशान हैं। बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनको दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पा रही है परंतु ऐसा नहीं है कि इन लोगों की मदद के लिए कोई भी सामने नहीं आ रहा है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपने सामर्थ्य अनुसार जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं। कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपने घरों से बाहर निकलकर गरीब और बेसहारा लोगों की सहायता में जुटे हुए हैं। वैसे देखा जाए तो यही लोग असल मायने में हीरो हैं। भले ही यह लोग बड़े पर्दे पर काम नहीं कर रहे हैं परंतु सड़कों पर लोगों के बीच जाकर यह कार्य कर रहे हैं।

आज हम आपको एक ऐसे ही रियल हीरो के बारे में बताने वाले हैं जो कोरोना संक्रमण के इस दौर में दिन-रात लोगों की सहायता में जुटा हुआ है। हम आपको जिस शख्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं, उसका नाम नकुल गोस्वामी है। इनकी उम्र 37 साल की है और यह लखनऊ के सूर्य नगर के आलमबाग के रहने वाले हैं। नकुल गोस्वामी ने MSc IT से पढ़ाई की है। जब कोरोना वायरस की वजह से लॉक डाउन जैसी स्थिति दोबारा से आ गई तो फिर से सभी लोग अपने घरों के अंदर बंद हो गए परंतु नकुल गोस्वामी अपने घर से बाहर निकल कर गरीब और बेसहारा लोगों की सहायता कर रहे हैं। कोरोना महामारी के बीच यह कोरोना संक्रमित लोगों के घरों तक जा जाकर खाना और दवाइयां पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नकुल ने बातचीत के दौरान यह बताया था कि “दूसरों के दर्द को महसूस करने की काबिलियत कहो या कुछ और… यही मुझे लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित करती है।” उन्होंने बात करते हुए आगे बताया कि “मुझे पता है कि दर्द और तकलीफ क्या होती है। इसलिए मैं किसी और को उससे गुजरते नहीं देख पाता। मुझे प्रॉब्लम होती है।” आपको बता दें कि नकुल के द्वारा किए जा रहे इस कार्य में उनके अन्य साथी भी सहायता करते हैं। वह अब तक 200 से अधिक घरों तक सहायता पहुंचा चुके हैं।

कोरोना महामारी की वजह से देश के बहुत से लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना ने कई परिवार का सदस्य छीन लिया है। रोजाना ही कोरोना से हो रही मृत्यु पर नकुल बेहद चिंतित हैं और उन्होंने कहा कि “मेरे दोस्त के यहां तीन लोगों की मौत हो गई। उसके भाई PCS हैं पर फिर भी हॉस्पिटल में जगह नहीं मिल पाई। मेरे जानने वालों में ही 8 लोगों की कोरोना से मौत हो गई। यह सब बहुत परेशान करने वाला है। मेरी यही कोशिश है कि मैं अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों की सहायता कर पाऊं।”

आपको बता दें कि नकुल इंसानों की तो सहायता कर ही रहे हैं इसके साथ-साथ जानवरों से भी उनका विशेष लगाव देखने को मिलता है। नकुल स्ट्रे डॉग्स को अडॉप्ट करते हैं और उनकी देखभाल करते हैं। उनके पास 11 डॉग्स हैं, जिनमें से एक विकलांग है।