अंतरिक्ष से वैज्ञानिकों ने सुनी चीखने की आवाजें, NASA ने कहा- एलियन कर रहे हैं बातचीत का प्रयास

देश विदेशों में काफी अरसे से एलियंस के अस्तित्व पर रिसर्च चलती आ रही है. अंतरिक्ष वैज्ञानिक इस बात के तथ्य और प्रमाण खोजने में लगे हैं कि क्या एलियन होते हैं या नहीं होते? आपको बता दें कि बीते कुछ वक्त से अमेरिकी सैन्य ऑफिसर्स लगातार इस बात का खुलासा करते रहे हैं कि अमेरिका एलियंस को लेकर कई बातें छिपाता आ रहा है. हाल ही में अब नासा ने भी एलियंस को लेकर एक हैरान कर देने वाला खुलासा कर दिया है. चलिए आपको बताते हैं आखिरी नासा के हवाले से क्या खबर आ रही जो एलियंस को लेकर कई रहस्य खोल रही है.

दरअसल अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने कहा है कि बीते कुछ वक्त से उन्हें कुछ रहस्यमई रेडियो सिग्नल्स मिल ने लग रहे हैं. ये अभी तक के रिकॉर्ड की गई सबसे तेज आवाजें हैं. अमेरिकी स्पेस एजेंसी के अनुसार ये आवाजें 5 अलग गैलेक्सी से उन्हें आ रही हैं. वहीं अब तक अंतरिक्ष से रिकॉर्ड की गई आवाजों में से ये सबसे तेज आवाजें बताई जा रही हैं. वहीं इन्हें ट्रेस कर नासा के वैज्ञानिक अब डिकोड करने में लगे हुए हैं.

पिछले साल ढूंढी गई थी गैलेक्सी

आपको बता दें कि जिन गैलेक्सी से वैज्ञानिकों ने ये आवाजें रिकॉर्ड कर ली है, उन जगहों की खोज पिछले साल ही उनके द्वारा की गई थी. बता दें कि इन्हें मैगनेटर्स नाम दिया गया है. वहीं इनका जन्म तब हुआ था जब अंतरिक्ष में सैंकड़ों साल पहले सूरज से भी बड़े स्टार्स विखंडिय हो गए थे. और फिर इसके बाद छोटे-छोटे कई स्टार्स का निर्माण हो गया था. बताया जाता है कि इनके मैग्नेटिक फील्ड काफी स्ट्रांग होते हैं. इन्हीं से वैज्ञानिकों को तेज आवाजें सुनाई दे रही है.

एलियंस की हो सकती हैं आवाजें

वहीं वैज्ञानिकों यह भी दावा कर रहे है कि ये आवाजें एलियंस की भी हो सकती हैं. वहीं इसे लेकर एस्ट्रोनॉमर्स ने शोध शुरू कर दिया है. हालाँकि इन अंतरिक्ष की आवाजों ने टीम में एक उमंग भर दी है. मतलब यह है कि अगर ये आवाजें एलियंस की हैं तो वो पृथ्वी से काॅन्टेक्ट करना चाह रहे हैं. वैसे भी पिछले कुछ अरसे से अमेरिका एलियंस और यूएफओ के मुद्दे को लेकर दुनिया के निशाने पर बना हुआ है. अमेरिका पर आरोप लगता रहा है कि वो दुनिया से दूसरे ग्रह के रहने वाले लोगों के बारे में झूठ बोलता रहा है. अब इन आवाजों के खुलासे हो जाने के बाद जल्द ही कोई बड़ी बात सामने आ पाएगी.