कराटे में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं विमला, गरीबी के चलते देसी शराब बेचकर परिवार का पाल रहीं हैं पेट

आजकल के समय में ज्यादातर युवा वर्ग के लोग खेल के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए खूब मेहनत करते हैं। वैसे देखा जाए तो वर्तमान समय में ऐसे बहुत से खिलाड़ी हैं जो अपने देश के लिए मेडल जीतने के लिए खूब मेहनत करते हैं। जब कोई मेडल जीत कर लाता है तो सबसे ज्यादा खुशी उसी इलाके के लोगों को होती है। यह सब देख कर उस इलाके के लोगों के मन में यह उम्मीद जागती है कि कल हमारा बच्चा भी किसी ना किसी खेल में अपनी रुचि दिखाएगा और मेडल जीतकर लाएगा। आज हम आपको एक ऐसी ही झारखंड की रहने वाली विमला मुंडा के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिन्होंने कराटे में कई गोल्ड मेडल जीते हैं। इन्होंने मेडल जीतकर अपने राज्य का नाम रोशन किया है परंतु अब इनकी हालत बेहद खराब हो चुकी है। इनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि दो वक्त की रोटी का गुजारा चला पाना भी बेहद मुश्किल है। विमला मुंडा अपने परिवार का पेट पालने के लिए देसी शराब मजबूरी के कारण बेच रही हैं।

अभी तक नहीं मिली सरकारी नौकरी

आपको बता दें कि विमला मुंडा ने वर्ष 2011 में 34वें राष्ट्रीय खेलों में सिल्वर मेडल जीता था। विमला मुंडा को आज भी सरकार की ओर से उन्हें सरकारी नौकरी का इंतजार है, लेकिन वर्तमान समय में यह देसी शराब बेच कर अपने घर-परिवार का गुजारा चला रहीं हैं। यह बेहद गरीबी में हैं, परंतु गरीबी की मार झेलने के बावजूद भी इन्होंने खेलों में अपनी रुचि दिखाई और अपने राज्य के लिए पदक जीता। इन्होंने पदक जीतकर अपने राज्य का नाम देश भर में रोशन किया है, परंतु आज भी इन्हें कोई भी सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई है।

कराटे प्लेयर्स को कोचिंग भी देनी शुरू की

विमला मुंडा ने लॉकडाउन के दौरान कराटे प्लेयर्स को कोचिंग भी देनी शुरू की थी परंतु इनका कोचिंग सेंटर लॉकडाउन के कारण ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाया। आखिर में इन्होंने अपना कोचिंग बंद कर दिया। किसी भी प्रकार का रोजगार ना मिलने की वजह से इनके सामने बहुत बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। आर्थिक तंगी के कारण इन्होंने चावल की बियर बेचने का कार्य मजबूरी में किया। बियर बेचकर ही यह अपने परिवार को सहारा दे रही हैं। आपको बता दें कि विमला मुंडा कॉमर्स से ग्रेजुएट हैं। फिलहाल में यह रांची के कांके ब्लॉक में पतरा गोंडा में अपने नाना के साथ रह रहीं हैं।

सहायता के लिए आगे आए

सोशल मीडिया पर एक यूजर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह जानकारी दी थी कि रांची निवासी विमला मुंडा ने कराटे में कई मेडल और सर्टिफिकेट प्राप्त किए हैं। विमला नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। आर्थिक स्थिति से लाचार रहने के कारण प्रतिभा की धनी यह खिलाड़ी किसी प्रकार अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं। उसके बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इनकी मदद के लिए सामने आए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विमला मुंडा की खराब आर्थिक स्थिति को गंभीरता से लिया और उन्होंने खेल सचिव से विमला मुंडा को हर प्रकार की सहायता करने का निर्देश दिया है। इन्होंने अपने हैंडल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करके राजवासियों को यह बताया है कि आगामी खेल नीति के क्रियान्वित होने पर खिलाड़ियों का भविष्य भी संवरेगा।