अपने बच्चों से भूल कर भी न कहें ये 3 बातें, वरना बड़ा होकर आपका बच्चा ही बन जाएगा आपका सबसे बड़ा दुश्मन

आज कल ऐसा समय आ गया है कि बच्चे अपने माता-पिता की इज्जत नहीं करते लेकिन माता-पिता के जहन में हमेशा यही सवाल रहता है कि आखिरकार उनके बच्चे उनकी वह इज्जत क्यों नहीं करते जिन्हें वह डिजर्व करते हैं? अब आप सब लोगों को यह बात जानकर काफी हैरानी होगी कि इस बात में बच्चों की नहीं बल्कि उनके माता-पिता की भी गलती छिपी होती है. दरअसल, कुछ माता पिता बचपन से ही अपने बच्चों का पालन पोषण कुछ इस तरीके से करते हैं कि उनके बच्चे निडर और विद्रोही हो जाते हैं. ऐसे में बच्चे जब थोड़ा बड़ा होने लगते है तो वह पहले ही अपने पेरेंट्स की रिस्पेक्ट करना और उनकी बात मानना छोड़ चुके होते हैं. ऐसे में जरूरी है कि माता-पिता अपने बच्चे की परवरिश करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें. आज हम आपको अपनी पोस्ट के जरिए तीन ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिनको कईं बार माँ-बाप अनजाने में अपने बच्चे को बोल देते हैं और शायद यही कारण है जो उनके बच्चे बड़े होकर उनके उनकी बात मानना छोड़ देते हैं.

रोना बंद करो, ज्यादा नौटंकी न करो

दरअसल कई माता-पिता अपने बच्चे को यह बात जरूर कहते हैं कि ‘रोना बंद करो, नौटंकी करने की जरूरत नहीं है.’ लेकिन ऐसी बातें हमेशा बच्चों के दिलों को ठेस पहुंचाती है. जिससे कि बच्चे को लगने लगता है कि उनके माता-पिता उनकी भावनाओं को नहीं समझते और जब हुआ वह रो रहे होती है तो उन्हें प्यार दिखाने की बजाय डांट कर चुप करवा देते हैं. जबकि माता-पिता को यह बात समझनी चाहिए कि अगर उनका बच्चा रो रहा है तो वह किसी न किसी परेशानी में है. ऐसे में जब आप अपने बच्चे को ऐसी बात कहेंगे तो वह नकारात्मक भावनाओं से घीर जाता है. और फिर अपने माता-पिता को अपने मन की बात बताना बंद कर देता है और मन ही मन अपने माता-पिता की इज्जत करना भी कम कर देता है.

तुम्हारा दिमाग यकीनन खराब है

आप अपने बच्चों के साथ नकारात्मक और गुस्सैल व्यवहार करते है तो वह आपके बच्चों को बचपन से ही डरा हुआ सा बना देता है. लेकिन जैसे जैसे बच्चे बड़े होने लगते हैं यही बात उनके मन में विद्रोही की भावना उत्पन्न करती है. इसके चलते समय के साथ आपके बच्चे आपकी इज्जत करना कम कर देते हैं. साथ ही आपके द्वारा बोली गई यह बात आपके बच्चों में नेगेटिविटी लेकर आती है. उन्हें लगता है कि उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया है जिसकी भरपाई वह पूरी उम्र नहीं कर पाएंगे. जिसके चलते बच्चे तनावग्रस्त हो जाते हैं उन्हें लगता है कि अगर वह आपके लिए कुछ अच्छा भी करेंगे तो आप उसको बुरा ही बताएंगे.

तुम उसकी तरह क्यों नहीं बन जाते हो?

आप भी अपने बच्चे की तुलना किसी और बच्चे के साथ करती है तो ऐसा ना करें क्योंकि ऐसा करने से आपका बच्चा बचपन से ही निराश होने लगेगा. इसके साथ ही आपके लिए आपके बच्चे के मन में एक गलत छवि बन जाती है. आपके द्वारा कही गई बातों की फिर उनकी नजर में कोई भी अहमियत नहीं रहती. और यही कारण है कि हमें कभी भी अपने एक बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे या फिर उसके भाई बहनों के साथ नहीं करनी चाहिए.