कभी क्लास की फीस देने के लिए भी कम पड़ जाते थे पैसे, आज ये जांबाज़ धुरंदर क्रिकेट का बन गया है बादशाह

हिंदी सिनेमा जगत की तरह क्रिकेट जगत के खिलाड़ी भी किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं है. भारतीय क्रिकेट टीम में कई दिग्गज खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाया है. भारत ने खेल जगत को कई बेहतरीन खिलाड़ी दिए हैं. फिर इसमें चाहे कपिल देव हो या फिर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बेहतरीन बल्लेबाज विराट कोहली हो. आज हम आपको अपनी इस पोस्ट के जरिए भारतीय क्रिकेट टीम के एक ऐसे खिलाड़ी के निजी जिंदगी की कहानी सुनाने जा रही है जो आज भारतीय क्रिकेट टीम की शान है.

जानकारी के लिए बता दें यह क्रिकेट टीम के खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि दमदार बल्लेबाज रोहित शर्मा है. रोहित शर्मा का जन्म 30 अप्रैल सन 1987 में नागपुर में हुआ था. बताते चलें कि हिंदी सिनेमा जगत के कप्तान रोहित शर्मा के पिता नागपुर के स्थाई निवासी है जबकि इनकी माता विशाखापट्टनम की रहने वाली है. इसलिए क्रिकेट के यहां धुरंधर हिंदी और अंग्रेजी के साथ तेलुगु भी बोल सकते हैं.

रोहित का परिवार काफी ज्यादा साधारण था उनके पिता काम तो करते थे लेकिन उनकी नौकरी चली जाने के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी रोहित के कंधों पर आ गई. लेकिन रोहित बचपन से ही क्रिकेट के खिलाड़ी बनने का सपना देखते आ रहे थे जिसके चलते इन्होंने परिवार की जिम्मेदारियां संभालने के साथ-साथ क्रिकेट की क्लास लेनी भी जारी रखी. गौरतलब है कि रोहित बचपन से ही पढ़ाई में काफी ज्यादा होशियार थी जिसके कारण इन्हें स्कॉलरशिप भी मिली हुई थी. बचपन में अपने क्रिकेट की क्लास लेने के लिए इनके पास पैसे नहीं हुआ करते थे या अपनी स्कॉलरशिप से ही अपनी पढ़ाई की फीस भरते थे.

जानकारी के लिए बता दें बचपन में रोहित शर्मा वीरेंद्र सहवाग के बहुत बड़े फैन हुआ करते थे. वीरेंद्र सहवाग के चाहने वाले होने के बाद भी रोहित ने क्रिकेट जगत में अपने करियर की शुरुआत एक ऑफ स्पिनर के रूप में की थी. रोहित जल्दी गेंदबाजी करते थे. लेकिन एक दिन उनके बल्लेबाजी को देख उनके कोच दिनेश लाड ने उनको बल्लेबाजी पर ध्यान देने के लिए कहा. गौरतलब है कि रोहित पढ़ाई करने के लिए अपने दादाजी के साथ बोरीवली में रह रहे थे. यही पर उन्होंने दिनेश से बल्लेबाजी से की थी. हमेशा विवेकानंद स्कूल में आठवें नंबर पर आने वाले इस बल्लेबाज ने उस दिन ओपनिंग पर आकर शतक जड़ा था बस उसी दिन से इन्हें एक बल्लेबाज के रूप में पहचान मिली. उन्होंने 2007 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा. आयरलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ जबरदस्त बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया. जिसके बाद उन्होंने आईपीएल में मुंबई इंडियंस की टीम की कप्तानी कर अपने करियर को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचा दिया. इस दौरान उन्होंने आईपीएल की ट्रॉफी भी हासिल की.

इसके बाद रोहित ने टेस्ट क्रिकेट टीम में बेहतरीन प्रदर्शन किया और 6 नवंबर 2013 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 177 रन बनाए. वनडे में जहां और टीमों के लिए 200 रन भी बनाने मुश्किल होते थे वहीं रोहित मैं अकेले ही 300 300 रनों की पारी खेली है. इतना ही नहीं मुंबई इंडियंस ने रोहित के नेतृत्व में सबसे ज्यादा जीत की ट्रॉफी हासिल की है. और अब यह धुरंधर बल्लेबाज भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बन चुके हैं.