7 महीने से माता-पिता अपने बेटे से थे दूर, 1400 KM स्कूटर चलाकर पहुंच गए उनके पास

माता-पिता का प्यार अपने बच्चों के प्रति कुछ अलग ही होता है। कभी भी मां-बाप अपने बच्चे को परेशान नहीं देख सकते हैं। हर माता-पिता अपने बच्चे की खुशी के लिए सब कुछ करने को तैयार रहते हैं। बच्चों की छोटी-छोटी जिद पूरी करने के लिए माता-पिता अपनी इच्छाओ तक का त्याग करने से पीछे नहीं हटते हैं। माता-पिता का प्रेम ऐसा होता है जो चाह कर भी अपने बच्चे से दूर नहीं हो सकते हैं। बच्चा चाहे कितनी भी दूर हो, माता-पिता अपने बच्चे के पास मिलने के लिए पहुंच ही जाते हैं। चाहे उनको किसी भी कठिनाई का सामना करना पड़े। अगर अपने बच्चों को सरप्राइस देने की बात आए तो पेरेंट्स कुछ भी कर सकते हैं। आज हम आपको एक ऐसे माता-पिता के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिन्होंने अपने 6 साल के बेटे से मिलने के लिए 1400 किलोमीटर की दूरी स्कूटर से तय की और 7 महीने से दूर रह रहे माता-पिता अपने बेटे से मिलने पहुंचे।

खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि मुंबई के सायन में रहने वाले का सेल्वम और संगीता ने अपने बेटे को सरप्राइज देने के लिए ऐसा किया। आपको बता दें कि उनका बेटा 6 वर्ष का होने जा रहा था लेकिन वह उनसे दूर तमिलनाडु में था। इन्होंने अपने बेटे के पास पहुंचने के लिए मुंबई से लेकर पुडुकोट्टई तक का रास्ता स्कूटर से ही तय कर दिया। सेल्वम मुंबई में एक किराने की दुकान चलाते हैं। मार्च महीने में इन्होंने अपने दोनों बच्चों को नाना-नानी के पास पुडुकोट्टई में छोड़ दिया था ताकि वह अपनी छुट्टियां यहां पर इंजॉय कर पाएं। पैरंट्स ने यह वादा किया था कि वह जल्द ही आकर उन्हें वापस ले जाएंगे परंतु करो कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन का ऐलान हो गया था, जिसकी वजह से यातायात की सभी सुविधाएं बंद हो गई थी। सभी लोगों को अपने घरों में ही रहने की सलाह दी गई थी।

कोरोना काल में लॉक डाउन की वजह से बच्चों से मिलने का इंतजार माता-पिता के लिए बहुत लंबा हो गया था। बच्चों की माता संगीता ने यह कहा कि “मैं एक हफ्ता भी अपने बच्चों से दूर नहीं रही लेकिन अब तो 7 महीने हो गए थे लेकिन ऐसे में हमने फैसला किया कि हम बेटे योगेश्वर के छठवें जन्मदिन पर पुडुकोट्टई पहुंचकर उसे सरप्राइस देंगे, लेकिन अभी तिरुचि के लिए कोई ट्रेन नहीं चलती है। फ्लाइट का किराया भी महंगा था, तो हमने अपने एक्टिवा स्कूटर से हाईवे के रास्ते पुडुकोट्टई जाने का फैसला किया।”

माता पिता ने अपने बच्चों से मिलने के लिए 1400 किलोमीटर का लंबा सफर अपने स्कूटर से तय किया। इनको यह दूरी तय करने में करीब 37 घंटे का समय लगा। सेल्वम ने बताया कि “हम कोल्हापुर में एक और बेंगलुरु में 2 दिन रूके। पैसा बचाने के लिए हम लॉज रुके। उन्होंने आगे बताया कि बेंगलुरु में स्कूटर की सर्विस भी करवाई थी ताकि रास्ते में किसी भी प्रकार की परेशानी उत्पन्न ना हो। जब उन्होंने सफर की शुरुआत की थी तब पहले दिन 300 किलोमीटर की यात्रा स्कूटर से तय की और बाद के दिनों में 800 किलोमीटर और 398 किलोमीटर का रास्ता इन्होंने तय कर लिया था। इनकी पूरी यात्रा में लगभग ₹7000 रुपये खर्च हुए।