सिपाही बनने के बाद भी निभाया प्यारा, बिना गाजे-बाजे और दान-दहेज के स्कूल लाइफ प्रेमिका से मंदिर में रचाई शादी

प्यार एक खूबसूरत एहसास है। जब कोई व्यक्ति किसी से प्यार करने लगता है, तो वह अपने प्यार के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाता है। दो प्यार करने वाले एक दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अपने प्यार को पाने के लिए लोग कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। ऐसे कई मामले भी सामने आते हैं, जिसमें प्रेमी जोड़े अक्सर घर से भागकर मंदिर में शादी रचा लेते हैं। इसी बीच बिहार के एक मंदिर में प्रेमी जोड़े की रचाई गई शादी इंटरनेट पर सुर्खियों का विषय बनी हुई है।

दरअसल, बिहार के आरा में एक पुलिसकर्मी ने अपनी स्कूल लाइफ की प्रेमिका के साथ बिना गाजे-बाजे और दान-दहेज के बीच शादी रचाई, जहां इस शादी समारोह में पुलिस विभाग के अधिकारी और थानाध्यक्ष समेत कई पुलिसकर्मी बराती के रूप में मौजूद रहे। दरअसल, हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह जिले के बिहिया थाना क्षेत्र के महथीन मंदिर का है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहिया नगर स्थित महथिन मंदिर में सोमवार को एक प्रेमी जोड़े की शादी बिहिया थाना के लगभग सभी पुलिस कर्मियों की उपस्थिति में बेहद ही साधारण तरीके से संपन्न हुई है। बिहिया थाने में तैनात सिपाही रविंद्र चौधरी दूल्हा बने हुए थे। वहीं उनकी प्रेमिका निशा कुमारी दुल्हन के रूप में सज-धज कर तैयार थीं। यह शादी बिना किसी बैंड-बाजा व शहनाई के संपन्न हुई।

अपनी प्रेमिका संग पुलिसकर्मी ने रचाई शादी

आपको बता दें कि इस दौरान मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच सिपाही रविंद्र चौधरी और निशा कुमारी ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई और मां महथिन माई को साक्षी मानकर एक-दूसरे के साथ शादी की। वहीं शादी समारोह में जगदीशपुर डीएसपी श्याम किशोर रंजन और बिहिया थाना के थानाध्यक्ष भानू प्रताप सिंह समेत सभी थाना स्टाफ बाराती की भूमिका में रहे और उन्होंने वर-वधु को अपना आशीर्वाद दिया। लेकिन दूल्हे के माता-पिता तो शादी में नजर आए परंतु दुल्हन पक्ष से कोई भी शादी समारोह में शामिल नहीं हुआ था। बता दें यह शादी पूरे दिन लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी रही।

कई पुलिस अधिकारी शादी में हुए शामिल

मिली जानकारी के मुताबिक, गया शहर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत नौरंगा गांव निवासी श्याम चौधरी के पुत्र रविंद्र चौधरी विगत 2 महीने से बिहिया थाना क्षेत्र में बतौर सिपाही के पद पर पदस्थापित हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि पढ़ाई के दौरान ही रविंद्र चौधरी को अपने गांव के पड़ोस में रहने वाले निशा से प्यार हो गया था। जिसके बाद दोनों एक दूसरे से मिलने-जुलने लगे और फोन के जरिए दोनों की बातचीत होने लगी।

धीरे-धीरे इन दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ता रहा और आखिर में दोनों ने विवाह करने का निर्णय ले लिया परंतु निशा के घरवाले समाज में बेज्जती होने की बात को लेकर प्रेमी जोड़े की शादी के लिए नहीं माने। ऐसा बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले रविंद्र अपने गांव गए और वहां से निशा को लेकर बिहिया पहुंच गए। इस दौरान रविंद्र चौधरी ने अपने माता-पिता को फोन किया और अपनी शादी करने के फैसले के बारे में बताया, जिसके बाद उनके माता-पिता भी बिहिया पहुंच गए।

वहीं जब इस मामले के बारे में जानकारी मिली तो बिहिया थाने में हड़कंप मच गया। इस दौरान थानाध्यक्ष ने सारी बातों के बारे में जाना, जिसके बाद उन्होंने दोनों की शादी करा देना को ही सही समझा। थानाध्यक्ष ने अपनी मौजूदगी में महथिन मंदिर में दोनों की शादी करवाई। ऐसे में यह शादी अब चर्चा का विषय बनी हुई है। वहीं इस शादी के चर्चे सोशल मीडिया पर भी खूब हो रहे हैं।