हमारा देश धार्मिक देशों में से एक माना जाता है। हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। हर महीने कोई ना कोई शुभ दिन या व्रत पूजा जरूर आती है। ऐसा माना जाता है कि अगर इस शुभ दिन विधि-विधान पूर्वक व्रत और पूजा की जाए तो व्यक्ति के जीवन में चल रही परेशानियां दूर होती हैं। आपको बता दें कि 24 फरवरी 2021 दिन बुधवार को इस बार माघ मास की त्रयोदशी तिथि का प्रदोष व्रत पड़ रहा है। इस दिन भगवान शिव जी और माता पार्वती जी की पूजा की जाती है। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं भगवान शिव जी स्वभाव के बहुत ही भोले हैं। अगर इनकी थोड़ी भक्ति की जाए तो यह उतने में ही प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों के सारे दुख दूर करते हैं परंतु प्रदोष व्रत के दिन अगर शिवजी की पूजा की जाए तो इससे शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल के समय की जाती है। शास्त्रों के अनुसार यह दिन भगवान शिव जी की कृपा पाने के लिए बहुत ही शुभ दिन बताया गया है। अगर भक्त इस दिन व्रत करने के साथ-साथ शिव पार्वती की संयुक्त रूप की पूजा करते हैं तो इससे शुभ फल मिलता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से प्रदोष व्रत का महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
जानिए प्रदोष व्रत तिथि आरंभ और समाप्ति समय
शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत तिथि: 24 फरवरी 2021 (बुधवार)
माघ शुक्ल त्रयोदशी तिथि आरंभ: 24 फरवरी 2021 (बुधवार) शाम 06:05 बजे से
माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी समाप्त- 25 फरवरी 2021 (बृहस्पतिवार) शाम 05:18 बजे पर
प्रदोष व्रत पूजा विधि
- आप त्रयोदशी तिथि को ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं। उसके बाद अपने सभी कार्यों से निवृत्त होकर नहाने के पश्चात साफ-सुथरे कपड़ों का धारण कर लीजिए।
- इसके बाद आपको पूजा का स्थान पवित्र करना होगा, जिस स्थान पर पूजा कर रहे हैं वहां पर गंगाजल छिड़कें।
- अब आपको पूजा स्थल पर एक चौकी रखनी होगी। आप उसके ऊपर सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं और चौकी के चारों ओर कलावा बांध दीजिये।
- अब आपको चौकी के ऊपर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर को विराजित करना होगा।
- इसके बाद आप भगवान शिव जी का तिलक चंदन से करें। इसके बाद आपको फूल माला अर्पित करनी होगी।
- अब आप धूप दीप जलाकर भगवान शिवजी की पूजा कीजिए। पूजा के दौरान भांग, धतूरा मौसमी फल अर्पित कीजिए।
- इसके बाद आपको भगवान शिव जी को प्रसाद चढ़ाकर आरती करनी होगी।
- प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए और बिल्वपत्र, धतूरा, भांग आदि चीजें चढ़ाना चाहिए।
जानिए प्रदोष व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देखा जाए तो प्रदोष व्रत का दिन बहुत ही शुभ दिन होता है। अगर भक्त इस दिन नियम निष्ठा के साथ व्रत करता है तो इससे समस्त पाप और दोषों का नाश हो जाता है। प्रदोष व्रत के दिन विशेष रुप से देवों के देव महादेव के साथ माता पार्वती जी की पूजा की जाती है, जिसकी वजह से इन दोनों की ही कृपा भक्तों के ऊपर बनी रहती है। अगर प्रदोष व्रत किया जाए तो इससे आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इतना ही नहीं बल्कि घर में सुख-समृद्धि भी आती है। प्रदोष व्रत करने से जीवन की कई परेशानियों का समाधान हो जाता है।