जज्बे को सलाम! गर्भवती होने के बाद भी करती रही काम, बेटी को जन्म देकर कोरोना से चल बसी नर्स

कोरोना महामारी के कारण देशभर के लोग काफी परेशान चल रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर इतनी खतरनाक साबित हो रही है कि रोजाना ही कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इतना ही नहीं बल्कि कई लोग कोरोना की वजह से अपनी जान भी गंवा रहे हैं। कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मी दिन रात मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं। अपनी जान की परवाह किए बिना ही सभी स्वास्थ्यकर्मी लोगों की जिंदगी बचाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

कोरोना महामारी के बीच काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को वॉरियर का दर्जा मिला है लेकिन आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसी घटना के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिसको जानने के बाद आपका मन बेहद दुखी हो जाएगा। दरअसल, आज हम आपको एक नर्स के बारे में बताने वाले हैं, जिसका नाम प्रभा बंजारे है। यह नर्स गर्भवती होने के बावजूद भी कोविड वार्ड में अपनी ड्यूटी करती रही। अप्रैल में ही इस नर्स ने एक बेटी को जन्म दिया। बाद में प्रभा खुद संक्रमित हो गई और कई दिनों तक कोरोना वायरस से जंग लड़ती रही लेकिन 21 मई को कोरोना की वजह से वह इस दुनिया को अलविदा कह कर चली गई।

आपको बता दें कि नर्स प्रभा के नवजात बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है और रायपुर जिले में वह अपनी नानी की देखभाल में रह रही है। काम के प्रति समर्पित नर्स प्रभा के परिवार वालों ने सरकार से परिवार और आर्थिक सहायता देने की मांग की और उन्होंने मांग की है कि उनके परिवार में से किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। वैसे प्रभा जैसे कोरोना योद्धाओं के जज्बे को सलाम है।

आपको बता दें कि प्रभा बंजारे कबीरधाम जिले के लिमो गांव की निवासी हैं। उनकी पोस्टिंग नर्स के रूप में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खेरवार खुर्द लोरमी जिला मुंगेली में हुई थी और वह गर्भवती होने के बावजूद भी कोविड वार्ड में अपनी ड्यूटी ईमानदारी के साथ निभा रही थीं। उन्होंने अपने परिवार को कोरोना वायरस से बचाने के लिए कापादाह गांव में किराए पर एक कमरा ले लिया और वह वहीं पर अकेले रहने लगी थीं। उनका देखभाल करने वाला भी कोई भी नहीं था। वह हर दिन घर से हॉस्पिटल के लिए आना-जाना किया करती थीं।

प्रभा बंजारे के प्रति भेसराज ने यह बताया है कि गर्भवती होने के बाद भी 9 महीने तक उनकी पत्नी काम करती रहीं। 30 अप्रैल को प्रसव पीड़ा के पश्चात कवर्धा के प्राइवेट अस्पताल में उनको एडमिट कराया गया, जहां पर उन्होंने एक प्यारी सी बच्ची को जन्म दिया। उन्होंने आगे बताया कि हॉस्पिटल में ही रहते हुए कई बार उनको बुखार भी आया था।

जब हॉस्पिटल से प्रभा को डिस्चार्ज कर दिया गया तो घर पहुंचने पर उसे बुखार और खांसी शुरू हो गई थी। इसके बाद उनकी कोरोना जाँच कराई गई, जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हें कवर्धा के अस्पताल में एडमिट करा दिया गया था। ऐसा बताया जा रहा है कि नर्स के फेफड़ों में 80% तक संक्रमण फैल गया था और इलाज के दौरान ही 21 मई को उनकी मृत्यु हो गई।