पीवी सिंधु ने पिता को दिया वादा किया पूरा, टोक्यो ओलंपिक में जीता ‘प्यारे पापा’ के लिए मैडल

जैसा कि हम सब जानते है टोक्यो ओलंपिक का खेल जारी है और भारत की बेटियां अपना झंडा बखूबी फहरा रही है. ऐसे में आज हम बात करने जा रहे है भारतीय बैडमिंटन स्टार पी वी सिंधू के बारे में. बता दे की पीवी सिंधू ने भारत के लिए कस्या पदक जीता है और वे भारत की पहली महिला बन चुकी है जिन्होंने ओलंपिक में अपने नाम दो पदक किए है. मगर सिंधू ने ओलंपिक के सेमीफाइनल में हार का सामने किया था जिससे उन्हें थोड़ी ज्यादा प्रेरणा की जरूरत थी और यह भूमिका उनके पिता पी वी रमन्ना ने निभायी.

हाल ही के हुए इंटरव्यू में सिंधू के पिता रमन्ना ने बताया कि उनकी बेटी ने उनको ‘उपहार’ देने की इच्छा को पूरा किया. सिंधू अपने हार के बाद उदास हो गई थी तब उनके पिता ने उन्हें ऊर्जा दी और कहा कि मेडल तो मेडल होता है चाहे वह गोल्ड हो या ब्रॉन्ज और ओलंपिक में मेडल कोई भी हो, उपलब्धि में कोई अंतर नहीं होता है. उनका मानना है कि सिंधू ने यह मैच बखूबी खेला और एक कारनामा कर दिखाया है.

वहीं रमन्ना ने सबसे पहले सिंधू के कोच को धन्यवाद देते हुए कहा है कि ‘‘पहली बात, मुझे पार्क (सिंधू के दक्षिण कोरियाई कोच पार्क ताए सांग) का आभार व्यक्त करना चाहिए जिन्होंने इतनी मेहनत की. भारत सरकार, बाइ (भारतीय बैडमिंटन संघ), उसके समर्थकों, जिसने भी उसे प्रोत्साहित किया, उन सभी का आभार. साथ ही उन्होंने कहा कि “मैं मीडिया का भी शुक्रगुजार हूं. ’’ रमन्ना ने कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि वह ओलंपिक में लगातार दो पदक – रजत और कांस्य – जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी. इस तरह उसने भारत का नाम रोशन किया. ’’

दरअसल वर्ल्ड चैंपियन पीवी सिंधु ने रविवार को दुनिया की नौवीं खिलाड़ी जो की चीन से है उन्हें हरा के ब्रॉन्ज मेडल जीता है. सिंधू ने चीन की बिंग जियाओकहा को मात दी है. इसपर उनके पिता का कहना है कि ‘‘हालांकि दबाव था, लेकिन मैं खुश हूं कि उसने देश के लिये पदक जीता. आमतौर पर तीसरा या चौथा मैच खेलना दर्दनाक होता है. कल मैंने उसे काफी प्रेरित किया था. ’’

वहीं जब रमन्ना से पूछा कि सिंधू की फाइनलिस्ट को हार के बाद उनकी क्या प्रतिक्रिया थी तो उन्होंने जवाब दिया कि ” उस खेल में सिंधू ने अपना सर्वश्रेष्ठ किया, अब कोई बात नहीं. अब आज पर ध्यान लगाओ और बस इतना ही सोचो कि तुम मुझे एक भेंट दे रही हो और कोर्ट पर खेलो. इसलिये मैं बहुत खुश हूं.” उन्होंने आगे यह भी कहा कि ‘‘इसमें कोई शक नहीं कि हम स्वर्ण पदक की उम्मीद कर रहे थे. मैं बहुत खुश हूं. तुमने अच्छा खेला. बस भूल जाओ और यह एक रिकार्ड रहेगा. ’’