राजेश खट्टर पर छाई पैसों की तंगी, पत्नी वंदना सजनानी बोली- सब कुछ इलाज में चला गया है

दुनिया भर में चीन से अाई कोरोना वायरस आफत मचा रहा है. भारत में अप्रैल के महीने से दूसरी लहर चल रही है जो महामारी को और भयंकर रूप दे चुका है. हजारों मरीज़ रोज़ाना इस वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गवां रहे है. स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है. रोज़ी रोटी पर गहरा प्रभाव भी पड़ा है. करोड़ों लोगों ने अपनी नौकरी और व्यवसाय से हाथ धो बैठे है. अमीर से लेकर गरीब सब के सब लॉकडाउन की वजह से बेहाल है. लोगो की आय के साधन पर गहरा प्रभाव पड़ा है. ऐसे में बॉलीवुड में भी एक्टर्स एक्ट्रेसेस के कामकाज पर असर देखने को मिल रहा है. राजेश खट्टर ने हाल ही में अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में लोगों को खुल के बताया है.

दरअसल शाहिद कपूर के सौतेले पिता और ईशान खट्टर के पिता राजेश खट्टर ने हाल ही के अपने इंटरव्यू में बताया है कि हॉस्पिटल के खर्च में उनकी सारी सेविंग्स खत्म हो चुकी है और महामारी के बीच काम मिलना भी मुश्किल हो गया है. उनकी पत्नी अभिनेत्री वंदना सजनानी की भी 2 साल की जमा पूंजी पूरी खत्म हो गई है. बता दे की पिछले साल काफी समय वंदना हॉस्पिटल में ही रही थी. उन्होंने बताया कि पिछले 2 सालों में अपने जीवन भर की सेविंग खर्च कर दी है. इन सेविंग्स में से सबसे ज्यादा खर्च परिवार की दवाओं और इलाज पर हुआ है.

बता दे की अगस्त 2019 में राजेश और वंदना ने अपने बेटे वनराज को जन्म दिया था जिसके बाद वंदना पोस्टपार्टम डिप्रेशन से गुजर रही थीं. उन्होंने कहा, ‘पिछली बार मैं हॉस्पिटल में थी और मुझे नहीं पता था कि बाहर क्या हो रहा है. पिछले साल मई में लॉकडाउन के दौरान पोस्टपार्टम डिप्रेशन था. तब से अब तक मैं हॉस्पिटल में ही रही हूं.’ वंदना आगे कहती है कि ‘हमारी बहुत सारी सेविंग पिछले पूरे साल हॉस्पिटल के खर्च में चली गई है. काम बिल्कुल नहीं हुआ है और जितनी सेविंग्स थी इन 2 साल के लॉकडाउन में चली गई.’ वंदना सजनानी ने बताया कि कुछ महीने पहले उनके बेटे को आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा था. इसी दौरान अने सिर्फ एक ही विज्ञापन में काम किया है.

वहीं इस साल राजेश खट्टर और उनके पिता कोविड पॉजिटिव हो गए थे. भले ही राजेश बाद में ठीक हो गए मगर कोरोना वायरस के कारण उनके पिता इस दुनिया से गुजर गए थे. वंदना ने कहा, ‘इस बार बहुत धक्का लगा है.’ मौत कोरोना वायरस के होने की वजह से उनके पिता के पार्थिव शरीर को हॉस्पिटल से सीधे ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया था और वे उनसे मिल नहीं पाते थे.