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रामविलास पासवान की पत्नी रीना शादी से पहले रही हैं एयरहोस्टेस, देखिए कैसा लगता है इनका भव्य घर

लोक जनशक्ति पार्टी के दिवंगत अध्यक्ष रहे राम विलास पासवान के देहांत हो जाने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर यह आग्रह किया गया है कि रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान को राज्यसभा सांसद के रूप में भेज दिया जाए. गौरतलब है कि रीना पासवान राम विलास पासवान की पत्नी हैं. आपको बता दें कि दिवंगत राम विलास पासवान राज्यसभा सांसद थे. उनके देहांत से जो जगह खाली हो गई है उस पर रीना पासवान को भेजे जाने की बातें काफी चर्चा में आ गई है.

दरअसल राम विलास पासवान के बाद अब रीना पर ही बेटे चिराग पासवान औऱ घर को संभालने की जिम्मेदारी आ चुकी है. हालाँकि आज हम रामविलास पासवान के घर को अंदर से आपको दिखा रहे हैं.

बता दें कि रीना पासवान ने अपने घर को अंदर से बहुत सुंदर तरीके से सजा कर रखा है. वहीं रामविलास पासवान के देहांत हो जाने के बाद भी उनके घर के अंदर का नजारा मीडिया में दिखाई देता रहा है. घर में ही ऐसी व्यवस्था की करवा रखी है कि आसानी से वहां राजनीतिक बैठकें भी हो सकती है. वहीं घर की बैठक में रीना पासवान के बेटे चिराग पासवान इंटरव्यू देते हुए देखे जा सकते है.

आप देख सकते हैं कि बैठक के बीचों-बीच दिवंगत राम विलास पासवान की तस्वीर लगाई हुई है. इसी फोटो के नीचे बैठ पिता पुत्र राजनीतिक चर्चा करते भी दिखाई दे रहे है. घर के कमरों में वुडेन फ्लोरिंग करवाई हुई है. घर के अंदर जगह-जगह पर परिवार के सदस्यों की फोटोज लगवाई हुई हैं. बता दें कि घर के अंदर ही राम विलास पासवान ने अपने पिता की मूर्ति लगवा दी थी. जिसे आप भी देख सकते हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि 8 अक्टूबर 2020 को राम विलास पासवान का देहांत हो गया था. वह 74 वर्ष के हो चुके थे. वहीं बता दें कि राम विलास पासवान ने दो शादियां रचाई थी. उनकी पहली पत्नी का नाम राजकुमारी देवी है. राजकुमारी देवी से उनकी दो बेटियो का जन्म हुआ था. हालाँकि बाद में राजकुमारी देवी को तलाक दे कर रामविलास पासवान ने रीना से दूसरी शादी रचा ली थी. जिससे कि उनके बेटे चिराग पासवान का जन्म हुआ था.

फिलहाल लोक जनशक्ति पार्टी में उथल पुथल का समय चल रहा है. वैसे तो चिराग पासवान पार्टी की कमान संभाल रहे हैं लेकिन पार्टी के कुछ लोग उनके विरोध में आ गए हैं. लेकिन फिर भी उन्हें हटाना इतना आसान काम नहीं है. चिराग पासवान अपने पास भारी समर्थन रखते है. चिराग अपने पिता के देहांत के बाद पार्टी का नेतृत्व कर रहे है.

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