‘अग्निपथ योजना’ के तहत रवि किशन की बेटी भारतीय सेना में होना चाहती है शामिल, लोग बोले- ‘थोड़ी कम चापलूसी किया करो…’

जैसा कि आप सब लोग जानते ही हैं कि केंद्रीय मोदी सरकार ने थोड़े समय पहले ही अग्निपथ योजना का ऐलान किया था. जहां कुछ लोगों को यह योजना काफी ज्यादा पसंद आ रही है वहीं कुछ लोग इस योजना के खिलाफ खड़े हुए हैं. वहीं अब भोजपुरी सिनेमा के जबरदस्त एक्टर और सांसद रवि कृष्ण इस योजना के समर्थन में खड़े हुए हैं. उन्होंने इस योजना का समर्थन करते हुए कहा है कि उनकी बेटी भी अब इस योजना का लाभ उठाना चाहती है. दरअसल अभिनेता का कहना है कि उनकी बेटी इशिता अग्नीपथ योजना के तहत सेना में भर्ती होना चाहती है. जिस भी नौजवान का सपना नेवी आर्मी या फिर एयरफोर्स में भर्ती होने का है वह सरकार द्वारा चलाई गई अग्नीपथ योजना का लाभ उठा सकता है.

दरअसल, अग्निपथ योजना सरकार द्वारा चलाई गई एक ऐसी योजना है जिसमें नौजवानों को 4 साल के लिए अग्निवीर के तौर पर भर्ती किया जाएगा और 4 साल पूरा हो जाने के बाद इन नौजवानों में से 25% को ही नियमित सेवा पर रखा जाएगा इसका मतलब है कि चार अग्नि वीरों में से केवल तीन अग्नि वीरों को आगे काम करने का मौका मिलेगा और बाकी को निकाल दिया जाएगा. यही कारण है कि युवा इस योजना का बड़ी जोरों शोरों से विरोध करते हुए नजर आ रहे है. इसी दौरान अगर बात भोजपुरी के सुपरस्टार अभिनेता रवि किशन की की जाए तो उन्होंने बेटी की एनसीसी की एक फोटो टि्वटर अकाउंट के जरिए शेयर करते हुए नीचे लिखा कि, ‘मेरी बेटी ने आज सुबह मुझे कहा कि पापा मैं अग्नीपथ योजना के तहत सेना में भर्ती होना चाहती हूं. तो मैंने भी अपनी बेटी को कह दिया कि आगे बढ़ो बेटा मैं तुम्हारे साथ हूं.’

जानकारी के लिए आप सभी लोगों को बता दें कि रवि किशन द्वारा की गई उनकी इस पोस्ट पर अब लोग जमकर प्रतिक्रिया कर रहे हैं जहां कुछ लोग कमेंट सेक्शन में आकर कमेंट कर रहे हैं कि यह एक अच्छी पहल है. वहीं कुछ लोग इस पोस्ट को फेंक बता रहे है. ज्यादातर लोग इस योजना के खिलाफ किए जा रहे प्रदर्शन पर बोलते हुए नजर आ रही है. वहीं एक ने तो कमेंट बॉक्स में आकर यह भी लिख दिया कि, ‘आपको इस योजना की चापलूसी करने की कोई जरूरत नहीं है. इतनी चापलूसी करना भी सही नहीं है.’

बताते चले कि बीते कुछ समय पहले मोदी सरकार द्वारा अग्निपथ योजना का ऐलान किया गया था.इस के तहत 4 सालों के लिए जवानों को नियुक्त किया जाएगा . जिसमें से 75 पर्सेंट सैनिकों को उनकी इच्छा के अनुसार उच्च शिक्षा या फिर किसी राज्य पुलिस सेवा या अर्धसैनिक बलों में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त किया जाएगा. जबकि बाकी बचे 25 परसेंट जवानों को स्थाईय पद पर ही नियुक्त रखा जाएगा. अब सोशल मीडिया से लेकर और देश के विभिन्न हिस्सों में इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो चुका है. देश के कई हिस्से तो ऐसे हैं जहां पर अग्नीपथ योजना के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया जा रहा है.