रिंकू सिंह के 5 छक्कों पर पिता ने जाहिर की खुशी, बोले- मैंने साथ नहीं दिया, पर उसने मेरा सीना चौड़ा कर दिया…

सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ तक, हर तरफ बस रिंकू सिंह के चर्चे हो रहे हैं। रिंकू सिंह अपने 5 छक्कों के चलते छाए हुए हैं। तमाम लोग उनको बधाई दे रहे हैं। KKR के युवा बल्लेबाज रिंकू सिंह आखिरी ओवर में लगातार 5 छक्के लगाकर अपनी टीम की जीत के हीरो बने। हर तरफ बस लोग उनकी ही सराहना कर रहे हैं। बड़े-बड़े सेलिब्रिटी ने उन्हें दिल खोलकर बधाई दी है।

 

रिंकू सिंह ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है, जिसके बाद उन्होंने आज अपनी पहचान बनाई है। कभी रिंकू सिंह के पिता उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए मना करते थे। लेकिन आज उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। इसी बीच यह जानना दिलचस्प होगा कि बेटे की इस उपलब्धि पर परिवार और उनके कोच का क्या कहना है।

बेटे रिंकू की सफलता पर गदगद हैं पिता

12 अक्टूबर 1997 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में जन्मे रिंकू सिंह एक बेहद साधारण परिवार से आते हैं। पांच भाई बहनों में रिंकू तीसरे नंबर के हैं। रिंकू के पिता खान चंद सिंह लोगों के घरों में एलपीजी सिलेंडर पहुंचाने का काम करते हैं। वहीं उनकी मां वीना देवी हाउस वाइफ हैं। अपने बेटे रिंकू की सफलता पर पिता खान चंद की खुशी का ठिकाना नहीं है। रिंकू के पिता खान चंद ने आजतक से बातचीत के दौरान यह बताया कि वह बहुत खुश हैं कि रिंकू ने अपनी टीम को मैच जीताया। उनकी यही ख्वाहिश है कि रिंकू और रन बनाकर भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेले।

रिंकू के पिता खान चंद ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि “एक समय था जब रिंकू उनके साथ काम करते थे। उन्होंने झाड़ू पोछा लगाने का भी काम किया।” रिंकू पढ़ाई में बहुत अच्छे नहीं थे। यही वजह थी कि वह नौवीं क्लास में फेल हो गए थे। उनको यह मालूम था कि उनकी किस्मत क्रिकेट से ही पलट सकती है। ऐसे में उन्होंने पूरा ध्यान इसी पर लगाया। रिंकू के पिताजी ने इस संबंध में यह बताया कि उनका पढ़ने लिखने में ध्यान कम था इसलिए वह उन्हें क्रिकेट खेलने से मना करते थे।

कहा, “मैंने नहीं, उसने हमेशा मेरा साथ दिया”

पिता ने यह बताया कि सब लोग कहते थे कि आपका बेटा बहुत अच्छा खेलता है, तब रिंकू के पिता ने उनसे कहा कि तुझे काम करने की जरूरत नहीं। तू क्रिकेट खेल। आज उनके पिता का कहना है कि उनके बेटे ने उनका सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। रिंकू के पिता कहते हैं कि “मैंने रिंकू का कोई साथ नहीं दिया। रिंकू ने हमेशा मेरा साथ दिया है।

वहीं रिंकू की मां बीना देवी ने अपने बेटे की पारी को लेकर यह कहा कि वह यही चाहेंगी कि वह इसी तरह आगे बढ़ता रहे। उन्हें बहुत खुशी है। वह चाहती हैं कि रिंकू इंडिया के लिए खेलें। रिंकू के भाई मुकुल का कहना है कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है। उन्हें पता था कि वह इस मुकाम पर पहुंचेंगे। वह ही उन्हें कोचिंग सेंटर में झाड़ू पोछा के काम के लिए ले गए थे। लेकिन रिंकू ने काम करने से मना कर दिया था। उन्हें मैच ही खेलना था।

रिंकू के कोच मसूद ने कही ये बात

वहीं रविवार को गुजरात टाइटंस के खिलाफ रिंकू सिंह की शानदार पारी के बाद उनके कोच मसूद उज जफर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि “रिंकू के खेलने का जो तरीका है, उससे उन्हें हमेशा लगता है कि वो हर परिस्थिति में अच्छे से बैटिंग कर सकते हैं। कल के मैच में भी उन्हें उम्मीद थी कि रिंकू अपनी टीम को जीत दिलाएगा। कोच मसूद का कहना है कि वह रिंकू के जज्बे और ताकत को जानते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “उन्हें उम्मीद है रिंकू जल्द ही भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलेंगे। उनके खेल की बदौलत अलीगढ़ जिले में बच्चों को बहुत हौसला मिल रहा है। रिंकू यूपी टीम के एक मजबूत बल्लेबाज हैं। इंडिया ए भी खेल चुके हैं। 5 साल से आईपीएल खेल रहे हैं। वह एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं।”