रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने माइनस 14 डिग्री तापमान में आखिर क्यों बर्फीले पानी में लगाई छलांग? जानिए वजह

दुनिया में अपनी अलग पहचान रखने वाले 68 साल के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार के दिन माइनस 14 डिग्री के तापमान में राजधानी मॉस्को के पास एक क्रॉस-शेप्ड पुल में नंगे शरीर के डुबकी लगा ली थी. इस बर्फ़ीले पानी में पुतिन की डुबकी लगाते हुए फोटोज राष्ट्रपति के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से शेयर की गई थी. बता दें कि पुतिन पुल तक शीपस्किन ओवरकोट में आते हैं लेकिन डुबकी लगाने के लिए वो केवल अंडरवियर में बर्फीले पानी में उतरते हैं. हालाँकि रूस में टीवी पर इसका वीडियो भी दिखाया गया है. राष्ट्रपति पुतिन ने इस बर्फ़ीले पानी वाले पुल में तीन बार डुबकी लगाई थी. इस पुल के चारों तरफ़ बर्फ़ जमी हुई है. इसके बाद सिर्फ रूस ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में रूसी राष्ट्रपति की ये तस्वीरें वायरल होने लग गई है.

आपको बता दें कि पुतिन एक धर्मनिष्ठ ईसाई के अनुष्ठान का पालन करते नजर आ रहे थे. इस दिन को फीस्ट डे या इपिफ़नी कहते है. वहीं हर साल एपिफ़नी के दिन धर्मनिष्ठ ईसाई नदी और झील में डुबकी लगा कर ईसा मसीह को याद कर श्रद्धांजलि देते हैं. इस डुबकी को बहुत पवित्र माना जाता रहा है. दरअसल पुतिन कम्युनिस्ट शासन में पले-बढ़े हैं लेकिन राष्ट्रपति के तौर पर वो एक धर्मनिष्ठ ईसाई के रूप में धार्मिक कार्य करते आएं हैं.

दरअसल इपिफ़नी के मौक़े पर लोग पारंपरिक रूप से नज़दीकी नदी या तालाब में जा कर बर्फ़ीले पानी में डुबकी लगाने का कार्य करते हैं. वहीं ऐसा भी माना जाता है कि इपिफ़नी की मध्य रात्रि पर सारा पानी पवित्र हो जाता है, जिससे हर तरह के पाप स्वयं ही धुल जाते हैं. इस अवसर को रूस में बेहद माना जाता है. वहीं देश के राष्ट्रपति ब्लादमिर पुतिन द्वारा इस तरह से अनुष्ठान करना जनता के लिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है.

गौरतलब है कि रूसी मीडिया में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लंबे समय से एक दबंग नेता के रूप में दिखाया जाता रहा है जो रूस को पश्चिमी दुनिया से बचाते आएं हैं. लेकिन अब रूसी मीडिया में उनकी ईमेज एक मसीहा के रूप में बनी हुई है. बता दें देश के सबसे बड़े सरकारी चैनल रोसिया 1 पर 2018 में एक डॉक्यूमेन्ट्री प्रसारित की गई थी. ये डॉक्युमेंट्री वलाम नाम के एक मठ से जुड़ी हुई है जो उत्तर में मौजूद झील लादोगा के नज़दीक एक द्वीप पर बनी हुई है. इस झील को पुतिन का पसंदीदा स्थान माना जाता है. इस डॉक्युमेंट्री में यह दिखाया गया है कि पुतिन के नेतृत्व में सोवियत संघ सैन्य नास्तिकता के दौर से वापस आस्था के दौर में लाया गया है. जिसके कारण पुतिन को रूसी जनता बेहद मानती है.