बेटी सारा और बेटे अर्जुन संग नाव में बैठे नजर आये सचिन तेंदुलकर, खूबसूरत कैप्शन के साथ शेयर की बचपन की तस्वीर

भारतीय क्रिकेट टीम के एतिहासिक बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर आज एक लम्बे वक्त से क्रिकेट और खेल की दुनिया से दूर हैं| पर आज इतने लम्बे वक्त के अंतराल के बाद भी देश में इनके चाहने वालों की संख्या में कोई कमी नही आई है| आज भी लोग इनकी क्रिकेट के खेल की कुशलता को लेकर इनके दीवाने हैं और इसका अंदाज़ा इनके सोशल मीडिया अकाउंट को देखकर भी लगाया जा सकता है जहाँ इनके लाखों की गिनती में फैन्स हैं| और इनके ये फैन्स आज नही बल्कि एक लम्बे वक्त से इनके साथ रहे हैं|

वहीँ अगर सचिन की बात करें तो ये भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बेहद एक्टिव रहते हैं और अक्सर ही अपनी नीजी जिंदगी से जुडी तस्वीरे शेयर करते नजर आते हैं| बता दें के अभी हाल ही में बीते रविवार के दिन इन्होने अपने अकाउंट पर बेटे अर्जुन और बेटी सारा के साथ बचपन की तस्वीर शेयर की थी| बताते चले के यह दिन पूरे देश में मनाया गया ‘नेशनल गर्ल चाइल्ड डे’ भी था|

सचिन नें ये तस्वीरें एक खूबसरत कैप्शन के साथ अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा की थी और कैप्शन में सचिन नें लिखा था के लडकों और लडकियों के लिए हमारे अंदर समान प्यार, देखभाल और अवसर होने चाहिए| ऐसा इसलिए क्योंकि वो जो भी सीखते हैं वो सबसे अधिक हमसे ही सीखते हैं और हम उनके साथ जैसा करते हैं वो उसे ही अपना उदाहरन मानते हैं| आगे सचिन नें लिखा के क्यों न ऐसे में हम बच्चों के सामने एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करें|

सैयद मुश्ताक अली ट्रोफी में बेटे अर्जुन नें किया था डेब्यू

बता दें के सचिन के बेटे अर्जुन तेंदुलकर नें सैयद मुश्ताक अली ट्रोफी के मुकाबले के लिए हाल ही में डेब्यू किया था जिसके बाद इन्हें इलीट ई ग्रुप में टी 20 मैच खेलते भी देखा गया था| इस मुकाबले मेंअर्जुन नें अपनी तेज गेंदबाजी से एक विकेट भी अपने नाम किया| हालाँकि बल्लेबाज़ी में उन्हें 11 वां स्थान दिया गया था जिसके चलते उनकी बारी नही आ सकी| वहीँ अगर अर्जुन के बारे में अधिक कहें तो इनकी उम्र अभी 21 साल है और ये भी क्रिकेट की दुनिया में अपना परचम लहराने में लगे हैं|

हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है नेशनल गर्ल चाइल्ड डे

देश में हर 24 जनवरी की तारिख को ‘नेशनल गर्ल चाइल्ड डे’ के रूप में मनाया जाता है और इस दिन को रखने का उद्देश्य बच्चियों के साथ होने वाले भेदभाव के प्रति लोगों में जागरूकता लाना है| बता दें के देश में इस दिन की शुरुआत साल 2008 में हुई थी| साथ ही देश के तमाम राज्यों की सरकारों नें भी बेटियों के लिए विभिन्न योजनाएं और अभिनयान चलाए हुए हैं|

इस तरह लोगों को किया जाता है जागरुक

साल 2015 में शुरू की गयी महिला सशक्तिकरण की सबसे बड़ी मुहीम ‘बेटी बचाओं बेटी पढाओ’ इस दिन ही शुरू किया ज्ञ था जो के देश की बेटियों के लिए एक बहुत ही उत्तम कदम सिद्ध हुआ| वहीँ अगर आज की कहें तो यह मुहीम अब भी कार्यरत है|