2 जनवरी को है संकष्टी चतुर्थी, जानिए शुभ मुहूर्त व पूजा विधि, व्रत करने से हर कष्ट हो जाएंगे दूर

प्रत्येक महीने भगवान श्री गणेश जी को समर्पित गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार देखा जाए तो पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी व्रत किया जाता है। हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व माना गया है। आपको बता दें कि साल 2021 में संकष्टि चतुर्थी व्रत 2 जनवरी 2021 दिन शनिवार को किया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि अगर संकष्टी चतुर्थी व्रत पर विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की विधि विधान पूर्वक पूजा की जाए तो इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इतना ही नहीं बल्कि बिगड़े हुए कार्य भी बनने लगते हैं। से संकष्टी चतुर्थी व्रत विशेष रूप से भगवान गणेश जी को समर्पित है। सच्चे मन से अगर इस दिन पूजा की जाए तो व्यक्ति के सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।

संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व

धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो अगर कोई व्यक्ति संकष्टि चतुर्थी व्रत अपने सच्चे मन से करता है तो उसके ऊपर भगवान गणेश जी की कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहती है। इस दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान गणेश जी की पूरे विधि विधान पूर्वक उपासना करता है तो उसके ऊपर प्रभु की कृपा बरसती है और जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि संकष्टि चतुर्थी का व्रत जो व्यक्ति रखता है उसको सभी मुसीबतों से भगवान गणेश जी बाहर निकालते हैं और सभी मुरादें पूरी करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि ऐसी भी मान्यता है कि संकष्टि चतुर्थी व्रत रखने से विवाद संबंधी दोष भी दूर हो जाते हैं।

संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त | Sankashti Chaturthi Vrat Shubh Muhurat

भक्त संकष्टी चतुर्थी का व्रत 2 जनवरी 2021 को रखेंगे। संकष्टी चतुर्थी व्रत पर सुबह के समय और संध्या के समय पूजा की जाती है। अगर हम प्रातः काल संकष्टी चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त देखें तो शनिवार को सुबह की पूजा 5:24 बजे से आरंभ होगी और 6:21 बजे इसकी समाप्ति हो जाएगी। संकष्टी चतुर्थी व्रत की शाम की पूजा 5:35 बजे से आरंभ होगी और 6:57 बजे पर समाप्ति होगी। इस शुभ मुहूर्त में आप संकष्टी चतुर्थी की पूजा कर सकते हैं।

संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि | Sankashti Chaturthi Vrat Puja Vidhi

  • संकष्टी चतुर्थी व्रत वाले दिन आप प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठ जाएं।
  • सुबह उठकर स्नान कर लीजिए, उसके बाद साफ कपड़े धारण कर लीजिए।
  • अब आपको एक चौकी का इंतजाम करना होगा। आप चौकी पर साफ पीले रंग का कपड़ा बिछाकर गंगाजल छिड़कें।
  • चौकी पर आप भगवान गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित कीजिए और गंगाजल छिड़क कर पूरे स्थान सहित स्वयं भी पवित्र हो जाएं।
  • अब गणेश भगवान जी के समक्ष दीपक, धूप, अगरबत्ती आदि जलाकर रख दीजिए।
  • भगवान गणेश जी की पूजा के दौरान पीले रंग के फूलों की माला अर्पित कीजिए।
  • गणेश जी की पूजा के दौरान आप दूर्वा अर्पित करें क्योंकि गणेश भगवान को दूर्वा अत्यधिक पसंद है।
  • अब आप गणेश चालीसा, गणेश स्तुति का पाठ कीजिए। साथ ही भगवान गणेश जी का जाप करें।
  • भगवान गणेश जी की आरती कीजिए और भगवान गणेश जी से जीवन के सभी कष्ट दूर करने की प्रार्थना करें।