बेसहारों का सहारा बनीं स्कूल क्लर्क पूजा, रोज खुद से खाना बनाकर जरूरतमंदों में बांटती हैं

अगर मौजूदा समय की बात की जाए तो इस समय कोरोना वायरस का खतरा देश पर मंडरा रहा है। कोरोना वायरस की वजह से लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। कोरोना महामारी के चलते लोग घरों के अंदर बंद है और ज्यादा से ज्यादा समय घर के अंदर परिवार के साथ व्यतीत कर रहे हैं। कोरोना काल में ऐसे कई लोग भी हैं जिनका कोई भी सहारा नहीं है। यह लोग किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जो जरूरतमंदों के लिए मसीहा बनकर सामने आए हैं और यह अपने सामर्थ्य के हिसाब से लोगों की मदद कर रहे हैं।

आज हम आपको पूजा के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो राजस्थान के अलवर शहर में रहती हैं। आपको बता दें कि पूजा राजकीय माध्यमिक सालपुर उमरैण में क्लर्क हैं और वह फुटपाथ पर रह रहे लोगों को खाना खिलातीं हैं। बेसहारा लोगों का पूजा सहारा बनी हैं। पहले वह अपने घर पर खाना बनाती है और उसके बाद स्कूटर पर लेकर फुटपाथ पर पहुंचती हैं। फुटपाथ पर मिलने वाले लोगों को पूजा अपने हाथों से बना हुआ खाना परोसती हैं।

आपको बता दें कि पूजा ने कुछ दिनों पहले ही कुछ लोगों को खाना खिलाने की शुरुआत की थी। अब वह रोजाना ऐसे 50 लोगों को खाना बांटती हैं। उनके इस कार्य में जिला अस्पताल में ही काम करने वाले विशाल भी उनकी मदद करते हैं। पूजा का ऐसा कहना है कि बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको खाने की आवश्यकता है। इसी वजह से वह चाहती हैं कि लोग उनके साथ जुड़े या फिर वह खुद खाना बनाकर जरूरतमंद लोगों को बांट सकते हैं।

पूजा का ऐसा बताना है कि उनको कुछ दिनों पहले अपने ही पड़ोसी से यह बात पता लगी थी कि अस्पताल में जिनके मरीज भर्ती हैं उनके परिजनों को खाना नहीं मिल पा रहा है। कोरोना वायरस की वजह से खाने का बाहर से भी इंतजाम नहीं हो पा रहा है और खाना भी अंदर नहीं आ पा रहा है। लोग बहुत ज्यादा परेशान हैं, जिसको देखते हुए पूजा ने खुद से खाना तैयार करके इसी तरह के जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने की शुरुआत की थी। पहले दिन 10 लोगों के लिए उन्होंने खाना बनाया था और बाद में वह 50 लोगों का खाना बनाने लगीं।

आपको बता दें कि जब पूजा अपने स्कूटर पर खाना लेकर शहर में निकली तो फुटपाथ पर उन्हें काफी लोग मिलने लगे थे। पूजा ने बताया कि कुछ बच्चे, कुछ बुजुर्ग। बहुत से बच्चों के बदन पर तो कपड़े भी नहीं होते थे। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल के आसपास ऐसे लोग उनके खाने का इंतजार करने लगे, जिसकी वजह से उन्होंने खाने की मात्रा और बढ़ा दी। पूजा का ऐसा बताना है कि स्कूल का स्टाफ उनका सहयोग करता है। सभी आर्थिक रूप से मदद कर रहे हैं और उससे वह खाना तैयार करती हैं और अपनी स्कूटी पर खाना लेकर जाती हैं।

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कोरोना महामारी की वजह से ज्यादातर सभी लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है। पूजा संकट की इस घड़ी में बेसहारा लोगों तक खाना पहुंचा रही हैं। उनकी यही कोशिश है कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक खाना पहुंचा सके ताकि कोई भूखा ना रहे। पूजा के द्वारा किए जा रहे इस कार्य की जितनी तारीफ की जाए उतनी ही कम है। पूजा बेसहारों की मसीहा बनकर सामने आई हैं।