किन राज्यों में स्कूल-कालेज खोलने को दी गयी मंजूरी और किन सावधानियों का रखना होगा ध्यान, यहाँ पाएं पूरी जानकारी

दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी के चलते बीते साल के कई महीने लॉकडाउन की स्थिति में गुज़रे| और ऐसे में हमारे कई काम बिल्कुल ठप रहे| पर अब एक बार फिर जिंदगी पटरी पर लौटती नजर आ रही है| और अब तो देश में बनी दो इमरजेंसी वैक्सीन्स को मंजूरी भी दे दी गयी है और अब देश के राज्यों की कई सरकारों नें अपने अपने क्षेत्रो में स्कूलों को खोलने की भी मंजूरी दे दी है| और यह निर्णय खासतौर पर उन बच्चों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है जो के आने वाले वक्त में बोर्ड परीक्षाएं देने वाले हैं|

बीती 3 जनवरी की तारिख को उत्तर प्रदेश समेत पंजाब, आंध्र प्रदेश, सिक्किम, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ जिलों के 10वीं और 12वीं के बच्चों के स्कूलों को खोलने की अनुमति प्रदान की गयी है| साथ ही आने वाले अप्रैल के महीने को लेकर भी खबरें हैं के इसके बाद कक्षा 8वीं के बच्चों के स्कूलों को भी खुला जा सकता है| हालाँकि कोरोना वायरस के चलते सरकार द्वारा जारी किये गये सभी प्रोटोकाल्स का सख्ती से पालन करने के लिए निर्देश दिए गये हैं|

अनलॉक-5 के बाद से है स्कूल खोलने की अनुमति

साल 2020 में ही जब अनलॉक 5 हुआ था तब 15 अक्टूबर की तारिख को ही कुछ राज्यों के स्कूलों को खोला गया था पर वहां से कोविड 19 के मामलें बढ़ते देख फिर से स्कूलों को बंद कर दिया गया था| इनमे दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे कुछ राज्य शामिल हैं|

 पूरे 9 महीनों बाद बिहार में खुले सभी शैक्षिक संस्थान

अन्य राज्यों के साथ साथ बिहार में भी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को खोलने की अनुमति दे दी गयी गई है और यहाँ बीच में कभी भी स्कूलों और कालेजों को नही खोला गया था| ऐसे में अगर देखा जाए तो बिहार में पूरे 9 महीनों के अंतराल के बाद शैक्षिक संस्थान खोले जा रहे हैं| बता दें के पूरे देश में बिहार का कोविड 19 का रिकवरी रेट काफी ऊंचे स्तर पर मिला है जो के तकरीबन 97.61 प्रतिशत है|

वहीँ बिहार के स्कूलों में किये गये कुछ सर्वे से ऐसी जानकारियाँ मिली हैं के यहाँ पर कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जारी किये गये प्रोटोकाल्स का काफी अच्छे से पालन किया जा रहा हैं|

शैक्षिक संस्थानो को खोलने के लिए निर्धारित निर्देश

सभी शैक्षिक संस्थानों में सामाजिक दूरी को अनिवार्य किया गया है और कक्षाओं में 50 प्रतिशत बच्चो की उपस्थिति को ही इजाजद दी गयी है| इस सब के साथ सभी को मास्क का प्रयोग जरूर करना है| और जब भी उन्हें किसी दूसरों के सपर्क में आई किसी चीज़ का उपयोग करना हो तो उसे पहले सैनेटाइज़ जर्रोर करना है जिससे के हम देश में इस महामारी को फैलने से रोक सकते हैं|

बताते चले के स्कूलों और अन्य शैक्षिक संस्थानों में इन नियमों को सख्ती से पालन करने के लिए इसलिए भी कहा गया है क्योंकि यहाँ पर आमूमन बच्चे ही होते हैं और उम्र कम होने के कारण इनकी रोग प्रतिरोध क्षमता उतनी अधिक नही होती है|