कन्या पूजन करते समय ना करें यह गलतियां अन्यथा नहीं मिल पाएगा पूजन का लाभ

नवरात्रि के पवित्र दिनों में सभी भक्त 9 दिनों तक माता रानी की पूजा उपासना करते हैं। 9 दिनों का व्रत करने के बाद कन्या पूजन किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो नवरात्रि में कन्या पूजन करने से व्यक्ति के जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। माता दुर्गा प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं, परंतु बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको इस बात की जानकारी नहीं होती कि आखिर कन्या पूजन कैसे किया जाए? किस उम्र की कन्याओं की पूजा करनी चाहिए और उनको भोजन में क्या दें और क्या दान-दक्षिणा देना चाहिए? बिना जानकारी के ही अक्सर लोग किसी भी उम्र की कुंवारी कन्या की पूजा कर देते हैं परंतु इससे आपको 9 दिनों के व्रत का उपवास रखने का कोई भी लाभ नहीं मिल पाता है। आज हम आपको कन्या पूजन की विधि क्या है और क्या-क्या नियम है? इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

इस उम्र की कन्या का ही करें पूजन

नवरात्रि के दिन माता रानी की उपासना का सबसे विशेष दिन माना गया है। अगर आपने नवरात्रि के पर्व में उपवास रखा है तो उपवास की समाप्ति के पश्चात आपने कन्या पूजन और उनको भोजन कराने का संकल्प भी लिया होगा। आपको बता दें कि कन्या पूजन में उन्हीं कन्याओं की पूजा करने का विधान है जिनकी उम्र 2 वर्ष से लेकर 7 वर्ष की हो। अगर आप इस उम्र की कन्याओं का पूजन करते हैं तो इससे आपको अपने उपवास का लाभ मिलेगा।

कन्या पूजन में कन्याओं को यह भोजन कराएं

आप नवरात्रि उपवास के पश्चात कन्या पूजन के लिए 2 से 7 वर्ष तक की 5, 7 या 11 कन्याओं को अपने घर आमंत्रित कीजिए। आप इनको भोजन में केसर युक्त खीर, हलवा, पूड़ी और बिना लहसुन, प्याज से बनी हुई आलू या कद्दू की सब्जी भोजन में खिला सकते हैं।

कन्याओं को यह चीजें करें दान

जब आप कन्याओं को भोजन करा लें तब उसके पश्चात आपको इन माता रानी के स्वरूप कन्याओं के पैरों को लाल मोहर लगाकर पूजा करनी होगी, उसके बाद आप इनको लाल चुनरी, रुमाल, खिलौने, ऋतु फल या अन्य उनकी रुचि से जुड़ी हुई चीजें दान-दक्षिणा के रूप में दे सकते हैं। दान देने के बाद आप इनके पैर पकड़ कर आशीर्वाद लीजिए। इन नियमों के अनुसार कन्या पूजन करते हैं तो माता रानी की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

कन्या पूजन के पश्चात इन बातों का रखें ध्यान

  • कन्या पूजन के पश्चात जब आप कन्याओं को विदा करते हैं तो तुरंत बाद कभी भी बर्तन नहीं धोने चाहिए। जिन बर्तनों में कन्याओं ने खाना खाया है उन बर्तनों को कन्या पूजन के पश्चात एक या 2 घंटे पश्चात ही धोना शुभ माना गया है। कई लोग होते हैं कि जिन बर्तनों में कन्याओं ने भोजन किया है वह बर्तन उनको उपहार में दे देते हैं। आप ऐसा भी कर सकते हैं।
  • नवरात्रि पर कन्या पूजन के दिन आप नशीली चीजों का सेवन ना करें।
  • कन्या पूजन वाले दिन आप नाखून ना काटे। पुरुष अपने बाल और दाढ़ी ना कटवाएं।
  • कन्या पूजन के पश्चात आप कन्याओं को पांच प्रकार की सामग्री अवश्य दीजिए, इससे आपकी पूजा सफल होगी।