भक्तों के संकट दूर करने वाले हनुमान जी को क्यों चढ़ाते हैं सिंदूर? जानिए इसकी वजह

भगवान श्री राम जी के परम भक्त हनुमान जी अपने भक्तों के तमाम संकट दूर करने वाले माने गए हैं। ऐसा बताया जाता है कि जो व्यक्ति महाबली हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा-आराधना करता है, उसके जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान हनुमान जी सभी देवताओं में सबसे जल्दी प्रसन्न होते हैं। अगर कोई भक्त अपनी सच्ची श्रद्धा से पूजा-पाठ करता है तो उसको कुछ अधिक करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। हनुमान जी अपने भक्तों की श्रद्धा देखते हैं। साधारण पूजा से ही हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं।

पूजा के बाद अमृतवाणी और श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं और सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आजकल के समय में भी हनुमान जी के भक्तों की संख्या बहुत ज्यादा है। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन लोग मंगलवार का व्रत रखते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं।

मंगलवार के दिन लोग हनुमान जी को चोला अर्पित करते हैं। ऐसा करने से हनुमान जी अपने भक्तों के सारे संकट दूर कर देते हैं। वैसे तो हनुमान जी के कई नाम हैं उनमें से एक बजरंगबली है। बल और बुद्धि के देवता राम भक्त हनुमान बहुत शक्तिशाली हैं। उन्होंने एक हाथ से पूरा पर्वत उठा लिया था। पुराणों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि हनुमान जी का शरीर वज्र के समान है इसलिए उनको बजरंगबली कहा जाता है।

जानिए हनुमान जी को सिंदूर क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू धर्म में सिंदूर का एक अलग ही महत्व माना गया है। जैसा कि हम लोग जानते हैं शादीशुदा महिलाएं सिंदूर से अपनी मांग भरती हैं। इसके अलावा पूजा-पाठ में भी सिंदूर का प्रयोग होता है। ज्यादातर सभी देवी-देवताओं को सिंदूर का तिलक लगाया जाता है। वहीं हनुमान जी को भी सिंदूर का चोला अर्पित किया जाता है। बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने का कारण नहीं पता है।

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार माता सीता को हनुमान जी ने सिंदूर लगाते हुए देख लिया था। तब उन्होंने माता सीता से पूछा कि आप सिंदूर क्यों लगाती हैं? तब सीता माता ने हनुमान जी के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि यह सुहाग का प्रतीक है। अपने पति श्री राम की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए वह अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं।

जब महाबली हनुमान जी ने माता सीता की बात सुनी तो वह सोचने लगे कि जब केवल मांग में सिंदूर लगाने से भगवान को इतना लाभ प्राप्त होता है तो मैं पूरे शरीर में ही सिंदूर लगा लेता हूं, इससे प्रभु श्रीराम अमर हो जाएंगे। उसके बाद हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर में सिंदूर लगा लिया जिसको देखकर भगवान श्री राम जी ने इसकी वजह पूछी। जब भगवान श्री राम जी ने इसका कारण जाना तो उनकी भक्ति से बहुत प्रसन्न हो गए। हनुमान जी से श्री राम जी ने कहा कि आज से आपका नाम बजरंगबली होगा। बजरंगबली दो शब्दों बजरंग (केसरी) और बली (शक्तिशाली) से मिलकर बना है। तब से ही राम भक्त हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने की प्रथा चली आ रही है। सिंदूर अर्पित करने से महाबली हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं।