पिता ने आलू-प्याज बेचकर पढ़ाया, दोनों बेटियों ने दरोगा बनकर किया पिता का नाम रौशन, मेहनत कर दी सफल

ऐसा कहा जाता है कि इंसान को अगर अपने जीवन में सफलता हासिल करनी है, तो इसके लिए कड़ी मेहनत के साथ संघर्ष करने की जरूरत है। सफलता की राह में इंसान कई बार गिरता है। लेकिन जो व्यक्ति गिर कर भी लगातार संभलता रहता है और अपनी मेहनत जारी रखता है, तो उसको एक ना एक दिन कामयाबी जरूर मिलती है। कहते हैं जहां चाह होती है, वहां राह अपने आप बन जाती है।

अगर आपने कुछ करने को ठान लिया और आप अपने जीवन की हर परिस्थिति का सामना करते हुए लगातार मेहनत करते हैं तो आपको सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता है। तमाम मुश्किलों को हराकर जीत का स्वाद ही अलग होता है और ऐसा ही स्वाद चखा है बिहार के नवादा जिले की रहने वाली दो सगी बहनों ने, जिनके पिता ने आलू-प्याज बेचकर पढ़ाया और होनहार बेटियों ने दरोगा बन कर पूरे परिवार का नाम रौशन कर दिया। इन बहनों ने अपने पिता की मेहनत सफल कर दी।

आलू-प्याज बेचने वाले की बेटियां बनीं पुलिस में दरोगा

आपको बता दें कि बिहार के जिला नवादा की दो बहनों ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (Bihar Police Subordinate Services Commission, BPSSC) की परीक्षा में सफलता हासिल की और पूरे जिले के लिए मिसाल बन गईं। यह दोनों सगी बहनें प्रिया और पूजा ने अपने माता-पिता का नाम रौशन कर दिया। इन दोनों बहनों ने अपने जीवन में बहुत सी कठिन परिस्थितियों का सामना किया है। हर कठिन परिस्थिति को पार करते हुए उन्होंने सफलता हासिल की है।

इसके अलावा इनकी यह कामयाबी ख़ास इसलिए भी है क्योंकि दोनों के पिता ने उन्हें आलू-प्याज बेच कर पढ़ाया है। जैसे ही प्रिया और पूजा की सफलता की खबर मिली, तो पूरे परिवार में खुशी का माहौल बन गया। प्रिया और पूजा की इस कामयाबी के पीछे उनके पिता का भी कड़ा संघर्ष छुपा हुआ है। पिता ने बहुत सारी मुश्किलों का सामना करके अपनी दोनों बेटियों को पढ़ाया।

मदन साव आलू-प्याज बेचते हैं, जिससे उनके परिवार का गुजारा चलता है। पिता के त्याग और मेहनत को इन दोनों बहनों ने सफल कर दिया। इनकी सफलता के बाद बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

गरीबी में बीता जीवन

पूजा और प्रिया के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इन दोनों बहनों ने गरीबी को काफी नजदीक से देखा है। सीमित संसाधनों और अपनी मेहनत के दम पर पूजा और प्रिया ने यह सफलता हासिल की है। घर पर रहकर दोनों ने दिन-रात एक करके मेहनत की। जब ये दोनों बहनें अपने पिताजी को रेहड़ी पर आलू-प्याज बेचते हुए देखती थीं, तो उन्होंने यह ठान लिया था कि वह कुछ ऐसा करेंगी, जिससे देशभर के लोग उनके पिता को जानें।

शुरू से ही पढ़ाई में तेज रही हैं दोनों बहनें

आपको बता दें कि यह दोनों बहनें शुरू से ही पढ़ाई में तेज रही हैं। साल 2013 में प्रिया कुमारी ने प्रोजेक्ट कन्या मध्य विद्यालय पकरीबरावां से मैट्रिक की परीक्षा पास की। उनको 77% अंक मिले थे। उन्हें दूसरे अटेम्पट में सफलता हासिल हुई। वहीं पूजा कुमारी ने साल 2014 में हाई स्कूल पकरीबरावां से मैट्रिक की परीक्षा पास की। उन्होंने 66% अंक हासिल किए थे। पूजा ने पहले ही अटेम्पट में सफलता हासिल कर ली।