पिता की मृत्यु के बाद मां ने खेतों में मजदूरी कर पढ़ाया, कड़ी मेहनत से पहले IPS, अब दूसरे प्रयास में IAS बनी बेटी

पिता की हो गई है मृत्यु

एक गरीब परिवार की बेटी दिव्या तंवर ने नवोदय विद्यालय महेंद्रगढ़ से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की। उस समय परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था जब साल 2011 में उनके पिता की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद परिवार को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ी। दिव्या शुरुआती समय से ही पढ़ाई लिखाई में काफी तेज रही हैं। अपनी बेटी के इस हुनर को मां बबीता तंवर ने अच्छे से पहचाना और उन्होंने अपनी बेटी का पूरा साथ दिया। अपनी बेटी का साथ देने के लिए मां ने कड़ी मेहनत की।

खेतों में मजदूरी कर मां ने बेटी को पढ़ाया


मां ने अपनी बेटी की पढ़ाई लिखाई में कोई भी कसर नहीं छोड़ी। घर चलाने और अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए मां ने मजदूरी तक की। आज दिव्या ने जो मुकाम हासिल किया है वहां तक पहुंचाने में उस मां का बहुत बड़ा योगदान है। मां ने खेतों में मजदूरी की और अपनी बेटी को पढ़ाया। दिव्या ने महेंद्रगढ़ के ही राजकीय महिला कॉलेज से बीएससी की है। इसके बाद वह यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी में जुट गईं।

दिव्या अपने घर के एक छोटे से कमरे में रोजाना 10 घंटे पढ़ाई किया करती थीं। कड़ी मेहनत से उन्होंने महज 21 वर्ष की आयु में प्रथम प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा पास कर ली और सबसे कमाल की बात यह है कि उन्होंने बिना कोचिंग लिए ही इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की। यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उन्होंने बिना कोचिंग के ही पास कर ली, जिसके बाद मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने टेस्ट सीरीज समेत अलग-अलग ऑनलाइन सोर्सेज से मदद ली। अब मां ने मेहनत मजदूरी कर आज बेटी को इस मुकाम तक पहुंचा दिया है।