बॉलीवुड की इन 4 फिल्मों को कामयाब बनाने के लिए मेकर्स ने बदल दी थी इनकी Ending, जानिए क्या हो सकता था कहानी का अंत

किसी भी मूवी के लिए उसका आरंभ और अंत काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि आरंभ उस मूवी को देखने में अपने दर्शकों का इंटरेस्ट बनाता है और वही अंत यह बात सुनिश्चित करता है कि यह मूवी देखने वाले के दिल और दिमाग तक पहुंची है या नहीं. आप सभी लोगों ने बहुत सारी ऐसी मूवी देखी होगी जो की शुरुआत में काफी अच्छी रही लेकिन अपनी बेकार एन्डिंग की वजह से हुआ है सफलता हासिल नहीं कर पाई. आज हम अपनी इस पोस्ट के जरिए आपको कुछ ऐसी मूवीज के बारे में जानकारी देने जा रही है जिन का अंत वह नहीं था जो हमें बड़ी स्क्रीन पर दिखाया गया. भला हो इन फिल्मों का निर्माण करने वाले निर्माताओं का जिन्होंने अंतिम समय में इन मूवीस का अंत बदल दिया वरना आज के समय में यह मूवी शायद उतनी सफलता हासिल नहीं कर पाती जितनी इन्होंने की है. चलिए आप सब लोगों को कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में जानकारी देते हैं जिनका अंत बदला गया. फिर आप ही तय कर लीजिएगा कि कौन सा अंत अच्छा था जो बदला गया वह या जो पहले था वह.

आंखें

जैसा कि आप सब लोग जानते ही हैं कि ‘आंखें’ फिल्म ने 2002 में बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाया था और यह मूवी सुपरहिट साबित हुई थी. लेकिन शायद यह संभव नहीं हो पाता अगर अंतिम समय में इस मूवी के अंत में बदलाव न किए होते.

दर्शको को दिखाया गया

मूवी के अंत में दर्शकों को दिखाया गया था कि आखिर में विजय सिंह अपना गुनाह कबूल कर लेते हैं. और अर्जुन और विश्वास राहुल यानी कि सुष्मिता सेन के भाई की परवरिश का पूरा जिम्मा उठा लेते हैं. लेकिन मूवी की ओरिजिनल एंडिंग थी कि अमिताभ बच्चन पुलिस वाले को लूट के पैसों में से लालच देकर जेल से निकल जाते हैं और पहुंच जाते हैं वहां जहां अर्जुन और विश्वास ट्रेन का इंतजार कर रहे होते हैं. स्टेशन पर अमिताभ बच्चन की हंसी गुजने लगती है और अमिताभ बच्चन कहते हैं ‘ए डेंजरस गेम इज़ एबाउट टू बिगिन’ और इसके बाद वह अपनी पिस्तौल अर्जुन और विश्वास पर तान लेते हैं और यहां मूवी यहीं खत्म हो जाती है वैसे इस मूवी की एंडिंग में बदलाव केवल भारत के लिए किया गया था बाकी पूरी दुनिया में यह मूवी अपनी ओरिजिनल एंडिंग के साथ रिलीज हुई थी.

पिंक

‘पिंक’ फिल्म में आप सभी लोगों ने तापसी पन्नू और अमिताभ बच्चन को दमदार भूमिका अदा करते हुए देखा गया था यह फिल्म महिलाओं के अधिकारों के लिए थी. इस मूवी ने खूब सुर्खियां बटोरी चोरी इस मूवी के सुर्खियां बटोरने के पीछे की वजह थी कि मूवी में दिखाया गया था पुरुष हो चाहे महिला, आपसी संबंधों में अपनी असहमति और सहमति देने का दोनों को पूरा अधिकार है. इस मूवी ने खास तौर पर महिला को यह कहने की हिम्मत दी थी ‘नो मीन्स नो’. यह मूवी दर्शकों को काफी ज्यादा पसंद आई थी लेकिन अगर यह मूवी अपने असली अंत के साथ दिखाई जाती तो शायद ही दर्शकों को पसंद आती. मूवी में दिखाया गया था कि हम तुम्हें लड़कियां केस को जीत जाती है और खुद को बेगुनाह साबित करने में सफल हो जाती है वहीं अगर मूवी की ओरिजिनल एंडिंग की बात करें तो इसकी ओरिजिनल एंडिंग में था कि पूरे सबूत और गवाह औरतों के खिलाफ होने की वजह से वह है इस केस को नहीं जीत पाते हैं लेकिन बाद में इस मूवी के अंत में बदलाव कर दिए गए.

बाजीगर

शाहरुख खान की सुपरहिट मूवी ‘बाजीगर’ तो आप सब लोगों ने देखी होगी लेकिन बाजीगर की मूवी के अंत में भी बदलाव किया गया था. बाजीगर मूवी की एंडिंग में दर्शकों ने देखा होगा कि अंत में अजय की मृत्यु हो जाती है लेकिन यह इस मूवी की ओरिजिनल एंडिंग नहीं थी ओरिजिनल एंडिंग में दिखाया गया था अजय को अंत में पुलिस गिरफ्तार कर लेती है लेकिन यह एंडिंग फिल्म निर्माताओं को कुछ जमी नहीं थी.

शोले

‘शोले’ मूवी सुपरहिट मूवी में से एक रही है. इस मूवी के बारे में हर किसी ज्यादा जानकारी के बारे में पता है लेकिन आप सब लोगों में से इस बात की जानकारी कम ही लोगों को पता होगी कि शोले मूवी के एंडिंग पर सेंसर बोर्ड की कैची चली थी. मूवी में दर्शकों को दिखाया गया है कि अंत में ठाकुर गब्बर को अपने पैरों से मारने वाले होते हैं कि तभी वहां पुलिस आ जाती है और गब्बर को पुलिस के हवाले कर दिया जाता है लेकिन फिल्म की ओरिजिनल एंडिंग में यह नहीं था फिल्म की ओरिजिनल एंडिंग में ठाकुर गब्बर को अपने पैरों की मदद से मार देते थे लेकिन सेंसर बोर्ड को यह लिंक कुछ जमी नहीं थी जिसके कारण इस फिल्म के एंडिंग में बदलाव किए गए थे.