आज हैं मिस्टर परफेक्शनिस्ट लेकिन एक वक्त में घर आकर फूट-फूटकर रोया करते थे आमिर खान और कारण था ये….

फिल्म इंडस्ट्री में आमिर खान की पहचान एक ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ की है। उन्होंने अपने करियर में कई ऐसी सुपरहिट फिल्में दी है जो आइकॉनिक फिल्म साबित हुई हैं। आमिर खान को इंडस्ट्री के टॉप स्टार्स में गिना जाता है। वो साल में एक फिल्म करते हैं लेकिन उस फिल्म का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इतने नामी एक्टर की ज़िदंगी में एक वक्त ऐसा भी आया था जब उनको लगता था कि उनका करियर खत्म हो गया है। और वे घर आकर फूट-फूटकर रोया करते थे। आमिर खान ने खुद इस बात के बारे में बताया है। चलिए जानते हैं पूरी कहानी।

घर आकर रोया करते थे आमिर खान-

बता दें कि आमिर खान की सबसे पहली फिल्म होली थी। लेकिन उस फिल्म से अभिनेता को कोई खास पहचान नहीं मिली थी। बाद में आमिर खान ने फिल्म कयामत से कयामत तक की थी। ये फिल्म पर्दे पर सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी। इस फिल्म ने आमिर खान को उंचाइयों पर पहुंचा दिया। फिल्म के सुपरहिट होने के बाद आमिर खान के पास तो जैसे फिल्मों की लाइन लग गई थे। उस वक्त में आमिर ने एक साथ करीब आठ-नौ फिल्में साइन की थी। लेकिन फिर भी आमिर खान संतुष्ट नहीं थे। वे हर वक्त परेशान रहते थे। यहां तक घर आकर फूट-फूटकर रोया करते थे। एक कार्यक्रम के दौरान आमिर ने अपनी करियर की बात की और ये सब बताया।

मेरा करियर खत्म हो रहा था-आमिर

आमिर खान ने बताया कि फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ के बाद मैंने कहानियों के आधार पर लगभग आठ या नौ फिल्में साइन कीं। उन सभी फिल्मों के निर्देशक नए थे। इन फिल्मों ने बमबारी शुरू कर दी और मुझे मीडिया द्वारा ‘वन फिल्म वंडर’ कहा जाने लगा। लेकिन मेरा करियर डूब रहा था और ऐसा लगा जैसे मैं किसी जल्दी में हूं। मैं बहुत दुखी था और घर आकर रोया करता था।’

इसके आगे उन्होंने कहा कि मैं फिल्में को कर रहा था लेकिन जिन लोगों के साथ काम करना चाहता था, वो दिलचस्पी नहीं ले रहे थे और मैंने महसूस किया कि मैंने जो फिल्में की हैं, वे अच्छी नहीं थीं। ‘कयामत से कयामत तक’ के पहले दो सालों में मैंने अपने जीवन की सबसे कमजोर अवस्था का अनुभव किया था, जिन फिल्मों को मैंने साइन किया था। वो रिलीज होते ही फ्लॉप साबित हो रही थी। जिसके कारण मुझे लगने लगा था कि मैं अब खत्म हो रहा हूं, मेरा करियर डूब रहा है। लेकिन मैंने उसके बाद सोचा कि अब मैं कोई भी फिल्म तभी साइन करूंगा जब तक मुझे एक अच्छा निर्देशक, अच्छी स्क्रिप्ट और एक अच्छा निर्माता मिलेगा।

ऐसे किया रेंचो का रोल-

आमिर ने आज भी इस बात को बरकरार करके रखा है। वे फिल्में बहुत कम करते हैं लेकिन जितनी भी करते हैं और फिल्में यादगार फिल्में साबित होती हैं। आमिर ने बताया कि जब मैं 44 साल का था तो मुझे निर्माता निर्देशक राजकुमारी हिरानी ने 3 इडियट्स में रेंचो का किरदार ऑफर किया जो कि एक कॉलेज स्टूडेंट का था। मैंने उस वक्त सोचा कि इस उम्र में मैं एक कॉलेज के छात्र का किरदार कैसे करुंगा लेकिन जब मैंने फिल्म के पीछे का विचार पढ़ा कि ‘सफलता के पीछे मत भागो, काबिलियत का पीछा करो’ तो मैं काफी प्रभावित हुआ। मैंने फिल्म के लिए हां कर दी। बता दें कि ये फिल्म भी बॉक्स ऑफिस भी हिट साबित हुई थी। इसके बाद आमिर खान ने पीके और दंगल जैसे सुपरहिट फिल्में की। उनके वर्तमान काम की बात करें तो आमिर अब लाल सिंह चड्ढा में नज़र आने वाले हैं।