यूपी के बहराइच में दुर्लभ प्रजाति का ‘कोसेंड बोआ’ सांप बरामद, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत एक करोड़ रूपए

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं सांप जहरीले होते हैं। पूरी दुनिया में सांप की कई प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से सभी सांप जहरीले नहीं होते हैं बल्कि कुछ जहरीले होते हैं और कुछ जहरीले नहीं होते। सांपों की प्रजाति में किंग कोबरा सबसे जहरीला माना जाता है और यह बहुत ही खतरनाक होता है। देश के कई स्थानों पर सांप बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। वही भारत में सांपों की पूजा भी की जाती है।

जब कोई व्यक्ति सांप को देख लेता है तो वह उससे डर कर भागने लगता है लेकिन सांप कभी भी बिना किसी वजह से किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। सांप केवल आत्म सुरक्षा की स्थिति में अथवा उस पर अगर हमारा पैर या कोई वस्तु आ जाए तो ऐसे में वह वार करता है। सांप के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वह अपने जहर का बेकार उपयोग नहीं करता। सांप अपने शिकार अथवा स्वयं की रक्षा के लिए ही इसका उपयोग करता है।

देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जो सांपों की तस्करी भी करते हैं और सांपों की तस्करी से वह अच्छी खासी मोटी रकम कमाते हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश से एक मामला सामने आया है। दरअसल, यहां बहराइच की मोतीपुर पुलिस ने एक शिकारी को गिरफ्तार कर उसके कब्जे में दुर्लभ प्रजाति का सांप बरामद कर लिया है। बरामद कोसेंड बोआ सांप की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ रूपए आंकी गई है।

आपको बता दें कि अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अशोक कुमार का ऐसा बताना है कि मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर उनके द्वारा कार्यवाही की गई। कार्यवाही करते हुए पुलिस तथा वन विभाग की संयुक्त टीम ने सुबह एक वन्यजीव तस्कर मोहम्मद असलम उर्फ सेबू को राम गांव थाना क्षेत्र के बभनी पुल के निकट रोककर उसकी तलाशी ली। उन्होंने बताया कि तस्कर के पास से अति दुर्लभ सैंडबोआ प्रजाति का सांप बरामद हुआ है, जिसकी कीमत एक करोड़ रूपए रुपए के करीब बताई जा रही है।

अशोक कुमार के द्वारा ऐसा बताया गया है कि जो वन्यजीव तस्कर पकड़ा गया है, उसके खिलाफ थाना राम गांव में भारतीय दंड विधान तथा भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और इसके आगे की कार्यवाही हो रही है। उनका ऐसा कहना है कि बरामद सैंडबोआ सांप अत्यंत दुर्लभ और सुरक्षित श्रेणी का जीव है।

अशोक कुमार का ऐसा बताना है कि इस सांप का उपयोग ताकत बढ़ाने अन्य किस्मों की दवाओं और सौंदर्य प्रसाधन बनाने में होता है और विदेश में इसकी भारी कीमत मिलती है। उनका ऐसा बताना है कि जो तस्कर उन्होंने पकड़ा है, उससे पूछताछ की जा रही है और उसी के आधार पर वन्यजीव तस्करों के गिरोह तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।

बताते चलें कि सैंड बोआ सांप दुर्लभ प्रजाति का सांप होता है। अधिकतर यह रेतीली जमीन पर रहता है। इस वजह से इसे सैंड बोआ सांप कहते हैं। इसका इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है। इसके अलावा कई और कारण है जिसकी वजह से इसकी तस्करी बहुत अधिक की जा रही है।

इस दुर्लभ सांप की मांग विदेशों में सबसे अधिक है और इसकी कीमत करोड़ों में होती है। इंसान अमीर होने और अपने कामुक कुंठाओं की पूर्ति के लिए इस सांप का अवैध शिकार कर रहा है। बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में सैंड बोआ की बड़े पैमाने पर तस्करी होती है। इस सनक के चलते बेहद शांत प्रवृत्ति का ये सांप अपनी अस्तित्व के लिए ही संघर्ष कर रहा है।