ऐसी होती है दादा-पोती की जोड़ी, दादा के सहयोग ने निशा ग्रेवाल को 23 साल की उम्र में बना दिया IAS

आजकल के समय में ज्यादातर स्टूडेंट्स का यही सपना होता है कि वह IAS या IPS अधिकारी बने लेकिन सभी अपने इस सपने को पूरा करने में सफल नहीं हो पाते। ऐसे कुछ स्टूडेंट्स होते हैं जो पहले प्रयास में यूपीएससी पास कर लेते हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा को पास करना बहुत कठिन होता है। हर वर्ष लाखों स्टूडेंट्स इस परीक्षा की तैयारी करते हैं परंतु ऐसे कुछ ही होते हैं जो इस परीक्षा को पास कर पाते लेकिन ज्यादातर स्टूडेंट्स को असफलता का सामना करना पड़ता है।

लेकिन ऐसा नहीं है कि यूपीएससी की परीक्षा पास नहीं की जा सकती। अगर इंसान के अंदर कुछ कर दिखाने का जज्बा हो और वह लगातार मेहनत करे तो उसको सफलता जरूर मिलती है। आज हम आपको हरियाणा के भिवानी के एक छोटे से गांव की रहने वाली लड़की के बारे में बताने वाले हैं, जिसने पहले ही प्रयास में आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया है। अगर हरियाणा जैसे राज्य के गांव से कोई लड़की सफलता प्राप्त करती है तो यह कम बड़ी बात नहीं है।

आज हम आपको जिस लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं उसका नाम निशा ग्रेवाल है, जिसने घरवालों के सहयोग और अपनी कड़ी मेहनत से यूपीएससी जैसी मुश्किल परीक्षा को पास कर अपनी मंजिल को पहले ही प्रयास में हासिल कर लिया है। निशा ग्रेवाल के पिताजी बिजली विभाग में है, जबकि उनकी माताजी हाउसवाइफ हैं। निशा ग्रेवाल ने 12वीं के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में बीए ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी आरंभ कर दी।

निशा ग्रेवाल शुरुआत से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थीं और वह अपने आपको भाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें ऐसा परिवार मिला जिसने उनका हर तरह से सपोर्ट किया है। निशा ग्रेवाल अपनी सफलता का सबसे अधिक श्रेय अपने दादा जी रामफल को देती हैं। जब निशा ग्रेवाल ने पॉलिटिकल साइंस से ग्रेजुएशन की तो उसके बाद उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश शुरू कर दी। उनका एक ही लक्ष्य था कि वह यूपीएससी की तैयारी करें और इसको क्लियर करें।

निशा के लिए अपना यह लक्ष्य प्राप्त करना इतना आसान नहीं था परंतु परिवार का पूरा सहयोग मिला और सबसे ज्यादा सहयोग दादा जी का था, जिन्होंने शुरुआत से ही सबसे ज्यादा निशा का सपोर्ट किया था। निशा के शिक्षक दादा जी ने पढ़ाई में हर कदम पर निशा का साथ दिया। ऐसे में वह हर समय निशा के साथ दादा जैसा नहीं बल्कि एक शिक्षक जैसा व्यवहार किया करते थे। उन्होंने बचपन से ही निशा की पढ़ाई को मजबूत बनाया। गणित के शिक्षक रहे दादाजी अपने विषय के अलावा भी निशा को अन्य विषयों के बारे में बताया करते थे।

मीडिया को दिए गए इंटरव्यू के दौरान निशा ग्रेवाल ने यह बताया था कि वह रोजाना 8 से 9 घंटे तक पढ़ाई किया करती थीं। एनसीईआरटी की किताबों से पढ़कर निशा ने अपना बेस मजबूत किया और इसके बाद स्टैंडर्ड बुक्स से तैयारी की। इसके अलावा उन्होंने तैयारी के लिए इंटरनेट पर उपलब्ध मेटेरियल का भी इस्तेमाल किया।

निशा ग्रेवाल ने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपने जीवन में खूब मेहनत और प्रयास किया। आखिर में उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने पहले प्रयास में ही यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल की। सिविल सेवा परीक्षा 2020 में ऑल इंडिया रैंक 51 हासिल कर IAS बनने में सफल रहीं। उस समय के दौरान उनकी उम्र महज 23 साल की थी।