जब डॉक्टर्स ने सुनील दत्त को पत्नी नर्गिस की जान लेने की दे दी थी सलाह, कुछ ऐसा रहा था अभिनेता का रिएक्शन…

बॉलीवुड में आज जितना नाम संजय दत्त का छाया हुआ है, उससे कहीं ज्यादा नाम एक समय में उनके माता-पिता का भी मशहूर हुआ करता था. सुनील दत्त संजय दत्त के पिता थे जिन्होंने नर्गिस से शादी की थी. दोनों ही अपने जमाने के सुपरहिट कलाकार रहे हैं. आज भी लाखों लोग इनकी फिल्में देखना पसंद करते हैं. इनकी एक्टिंग ने काफी कम समय में ही लोगों के दिल में अपनी अलग जगह बना ली थी. यह दोनों एक्टर्स अपनी प्रोफेशनल लाइफ के इलावा पर्सनल लाइफ को लेकर भी अक्सर सुर्खियां बटोरते रहे हैं. आज हम आपको इस कपल से जुदा एक ऐसा किस्सा बता रहे हैं, जो आप में से शायद काफी कम लोग ही जानते होंगे.

नर्गिस पर जान छिड़कते थे सुनील दत्त

किसी समय में सुनील दत्त और नर्गिस की प्रेम कहानी के चर्चे किसी से छिपे नहीं थे. हर कोई बखूबी जानता है कि सुनील दत्त नर्गिस को कितना चाहते थे. वह जब भी नर्गिस को अपने सामने आता देखते थे तो नर्वस हो जाया करते थे. सुनील ने कभी सोचा नहीं था कि उन्हें नर्गिस उनकी अर्धांगिनी के रूप में मिल जाएगी. दोनों का प्यार आज भी कईं लोगों के लिए एक मिसाल की तरह बना हुआ है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि जब अपने ही हाथों से अपने प्यार की जान लेने को कहा जाए तो दिल पर क्या बीतती है? जी हाँ, कुछ ऐसा ही हाल उस समय सुनील दत्त साहब का भी हुआ था जब डॉक्टर्स ने उनकी पत्नी को मारने की सलाह दे दी थी.

नर्गिस की बीमारी ने बदली सुनील की लाइफ

एक आम कपल की तरह सुनील दत्त और नर्गिस की शादीशुदा जिंदगी काफी खुशहाल थी लेकिन कुछ सालों बाद अचानक से सुनील दत्त की जिंदगी में ऐसा भूचाल आया जिसने उनकी घर गृहस्थी तबाह करके रख दी. उस समय अचानक से उन्हें पता चला कि उनकी बीवी यानि नर्गिस कैंसर जैसी गंभीर बिमारी से जूझ रही हैं. वह हर हाल में नर्गिस को सही सलामत देखना चाहते थे और उन्हें किसी भी कीमत पर खोने को तैयार नहीं थे. लेकिन, किस्मत के आगे भला उनकी भी कैसे चल सकती थी. फिर जो हुआ शायद आप सब जानते ही हैं.

इलाज में दर्द से तड़पती थी पत्नी

जैसे तैसे वक़्त बीता सुनील ने किसी तरह खुद को स्ट्रोंग किया और नर्गिस के इलाज के लिए अच्छे से अच्छे डॉक्टर की तलाश शुरू कर दी इसी सिलसिले में वह विदेश तक पहुँच गए. यहाँ नर्गिस का इलाज शुरू करवाया गया और उनकी कीमोथेरेपी भी होने लग गई. उनकी हालत दिनों दिन ऐसी हो रही थी कि वह दर्द से कराह उठती थीं. ऐसे में पत्नी को इस हाल में देखना एक पति के लिए काफी कठिन रहा था. कुछ समय बाद किस्मत ने ऐसा खेल रचा कि नर्गिस कोमा में चली गई. इसके बाद सुनील दत्त पूरी तरह से टूट गए थे. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या सही होगा और क्या गलत.

चैन की नींद सुलाने की मिली सलाह

वहीँ जब नर्गिस की हालत में कोई सुधार आता नहीं दिखा तो डॉक्टर्स ने सुनील दत्त को उन्हें हमेशा के लिए चैन की नींद सुलाने की बात कह दी. उन्होंने कहा कि सुनील को अब नर्गिस का लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटवा देना चाहिए. डॉक्टर्स की इस बात ने सुनील को अंदर से ख़तम कर दिया था. वह दिन-रात एक ही दुआ मांगते थे कि उनकी पत्नी वापिस होश में आ जाए और ठीक हो जाए. आख़िरकार एक दिन उनकी दुआ रंग लायी और नर्गिस कोमा से बाहर आ गई. उस समय सुनील की ख़ुशी का कोई अंत नही था. उन्होंने पत्नी को बेटे संजय की फिल्म ‘रॉकी’ दिखाने के पूरे इंतजाम करवाए थे. लेकिन खुशियों के इस माहोल ने अचानक से तब रंग बदल लिया जब 3 मई 1981 को नर्गिस ने दुनिया को अलविदा कह दिया. उस समय सुनील दत्त पर जो गुजरी शायद वह लफ़्ज़ों में बयां करना भी मुश्किल होगा.