हमारे हिन्दू धर्म में अगर देखा जाये तो टोने-टोटकों का विशेष महत्व माना गया है। इनमें से कुछ का इस्तेमाल हम भलाई के लिए करते हैं तो कुछ ऐसे होते हैं जिनका उद्देश्य सामने वाले व्यक्ति को नकारात्मक उर्जा प्रदान करता है| टोने-टोटका करने के लिए लोग बहुत सी चोजो का इस्तेमाल करते हैं जैसे लौंग, इलायची, नमक, मिर्च, नींबू आदि। इनमें से अगर मिर्च और नींबू की बात करें तो इनका उपयोग सबकी अपेक्षा ज्यादा देखने को मिलता है। क्या आपने कभी सोचा है की इनका प्रयोग लोग इतना ज्यादा क्यों करते हैं| अगर नही तो आज हम आपको बताने जा रहे है की इसका प्रयोग ही आखिर क्यों होता है|
दरअसल मिर्च तीखी होती है और नींबू खट्टा, इन दोनों के गुणों का प्रयिग किसी के भी ध्यान और एकाग्रता को भंग करने के लिए किया जा सकता है। जाहिर सी बात है कि दरिद्रा के नाम से ही लोगो को दर लगता है और कोई भी ये नही चाहता की उसके घर में दरिद्रता अपना पैर पसारे| और इसलिए दरिद्रा के प्रकोप से बचने के लिए कई तरिके को अपनाते है, उनमें से एक तरीका है नींबू-मिर्ची का टोटका है । क्योकि दरिद्रा को खट्टा व तीखा भोजन अधिक पसंद है । इसलिए नींबू व मिर्ची घर या दुकान के बाहर टांगे जाते हैं, ताकि दरिद्रा जब भी आये तो उसकी ख़्वाहिश बाहर से ही पूरी हो जाये व वे बाहर से वापस लौट जाएं।
माना जाता है कि नींबू और मिर्च किसी भी व्यक्ति की एकाग्रता और ध्यान को पूरा नहीं होने देते। जिसकी वजह से यदी कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति पर अपना बुरा प्रभाव डालने की कोशिश भी करता है तो ये दोनों चीजें उसके ध्यान और एकाग्रता को बीच में ही भंग कर देते हैं। नींबू और मिर्च का इस्तेमाल किसी भी नकारात्मक प्रभाव को रोक कर आपके लिए सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए भी किया जाता है। जिससे की आपको कभी भी किसी की बुरी नजर का सामना न करना पड़े। इसीलिए हमारे बड़े बुजुर्ग अक्सर घर के बच्चों और बड़ो को येही बात समझाते हैं की यदि कि सड़क या फिर किसी चौराहे पर अगर नींबू और मिर्च पड़ा हुआ दिखे तो कभी भी उस पर पैर नहीं रखना चाहिए न ही उसकर ऊपर से पार होना चाहिए।