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जानिए क्यों रॉबिन उथप्पा और मैथ्यू हेडन की बात हुई थी बंद, भारतीय क्रिकेटर ने किया खुलासा

क्रिकेट और क्रिकेट्रटर्स को आप में से कई लोग बेहद पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं मैदान पर मैच खेलने के दौरान कई कभार खिलाड़ी आपस में भिड़ जाते हैं। उनके बीच की भिड़त मैदान में भले ही खत्म हो जाती है लेकिन उसके बाद भी उनके दिल में खटास बनी रहती है। ऐसा ही कुछ पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पाक के साथ भी हुआ।

वह भी मैच के मैदान में ऑस्ट्रेलिया के एक क्रिकेटर से भिड़ गए। उनका मैच भले ही खत्म हो गया लेकिन उनके दिल में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मैथ्यूस हेडन के लिए नाराजगी बनी रही। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा् और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मैथ्यूर हेडन ने एक-दूसरे से 2 से 3 साल तक बातचीत बंद रखी।

इस बात का खुलासा खुद क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा् ने किया। उन्होंने बताया कि साल 2007 में जब भी भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें आमने-सामने होती थीं तो दोनों के बीच जमकर स्लेॉजिंग हुआ करती थी। लेकिन आज हम आपको मैथ्यूट हेडन और रॉबिन उथप्पाथ के बीच हुई भिड़त की असल वजह के बारे में बताएंगे। आखिर क्यों दोनों ने 2 से 3 तक नहीं की बात।

स्लेजिंग ने दिया लड़ाई को बढ़ावा

मालूम हो कि साल 2007 में भारत ने पहले T-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया हराया था। स्टैंटड अप कॉमेडियन सौरभ पंत से यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि दोनों टीमों के बीच स्लेजिंग की जो लड़ाई शुरू हुई थी, उसका आगाज T-20 वर्ल्डच कप के सेमीफाइनल में हुआ था। दरअसल, जब ऑस्ट्रेशलियाई उन पर ताने कस रहे थे तो कुछ लोगों ने इसका जवाब भी दिया। इनमें जहीर खान भी शामिल थे, लेकिन किसी बल्लेबाज ने इसका जवाब नहीं दिया।

हेडन से बातचीत की कमी हुई महसूस

इसके आगे रॉबिन उथप्पा ने बताया कि उन्होंने एंड्रयू सायमंड्स, मिचेल जॉनसन और ब्रैड हेडन को अपना टारगेट बनाया। दरअसल, हेडन का सामना करना उनके लिए मुश्किल था, क्योंकि बतौर शक्के और बल्लेबाज हेडन ने उन्हें प्रेरित किया था। उथप्पां ने बताया कि उन्हें बखूबी याद है कि उस मैच के दौरान जब वह बल्लेडबाजी कर रहे थे तो हेडन उन पर तंज कस रहे थे, इसीलिए मैंने उन्हें उनके तरीके में ही जवाब देने का फैसला किया।

इस दौरान जब हेडन बल्लेबाजी करने आए तो उन्होंने भी काफी स्लेीजिंग की। उन्होंने कहा कि उस मैच में वह हेडन पर निरंतर पलटवार करते रहे। उस दौरान होने वाली भिड़त इतनी ज्यादा तीखी रही कि हेडन और मेरे बीच 2 से 3 साल तक बात नहीं हुई। लेकिन इस बात का मुझे बेहद बुरा लगा था। वह बस यही सोच रहे थे कि उन्होंने जीतने के लिए यह सब किया, जबकि उनका काम हेडन को ज्यादा से ज्यादा असहज करना था। टीम जीत तो गई, मगर हेडन से बातचीत की कमी उन्हें हमेशा महसूस हुई। बता दें कि अक्सर क्रिकेटर्स में होने वाली स्लेजिंग कभी-कभी लड़ाई का रूप भी ले लेती है।

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