पहलवान बबीता फोगाट बनीं मां, सोशल मीडिया पर शेयर की बेटे की तस्वीर, लिखा ये प्यारा सा संदेश

बबीता फोगाट एक भारतीय महिला कुश्ती पहलवान हैं। आपको बता दें कि वर्ष 2014 में स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में कॉमनवेल्थ गेम का आयोजन हुआ था, जिसमें बबीता फोगाट ने 55 किलोग्राम भार वर्ग में फ्री स्टाइल कुश्ती में कनाडा की महिला पहलवान ब्रितानी लाबेरदुरे को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया था। बबीता फोगाट ने बेटे को जन्म दिया है। इस साल उनके घर में खुशियां आई हैं। पहलवानों में देश का नाम रोशन करने वाली महिला पहलवान बबीता फोगाट सोमवार को मां बनीं। बबीता फोगाट ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर अपने फैंस को एक तस्वीर शेयर करते हुए दी है।

बबीता फोगाट के बेटे के जन्म के बाद उनके परिवार में खुशियां मनाई जा रही हैं बबीता फोगाट ने सोशल मीडिया पर अपने अपने बेटे की तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में बबीता फोगाट के साथ उनका बेटा और उनके पति विवेक सुहाग भी नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर बबीता फोगाट ने यह तस्वीर शेयर करते हुए एक दिल छू लेने वाला मैसेज लिखा है उन्होंने लिखा है कि आखिरकार उनका परिवार पूरा होने का सपना साकार हो गया है। उन्होंने लिखा है कि “हमेशा अपने सपनों पर भरोसा करना सीखिए। यह जरूर पूरे होते हैं। हमारे पूरे हुए हैं। मेरे बेटे से मिलिए। नीले कपड़ों में मेरा सपना साकार हुआ।”

आपको बता दें कि दिसंबर 2019 को पहलवान बबीता फोगाट का विवाह भारत केसरी रह चुके पहलवान विवेक सुहाग के साथ हुआ था। बबीता फोगाट हरियाणा के चरखी दादरी जिले के बलाली गांव की रहने वाली हैं। देश के युवा महिला पहलवानों के लिए बबीता फोगाट एक मिसाल हैं। बबीता फोगाट ने वर्ष 2014 कॉमनवेल्थ के दौरान भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था।

आपको बता दें कि बबीता फोगाट और विवेक सुहाग का विवाह बहुत ही सादे तरीके से हुआ था। विवेक अपने विवाह में सिर्फ 21 लोगों की बारात लेकर पहुंचे थे इतना ही नहीं बल्कि बबीता फोगाट के लग्न में ₹1 रुपए दिया था। इन दोनों के विवाह की सबसे बड़ी खासियत यह है कि शादी में कोई भी दहेज नहीं लिया गया, बिना दहेज के ही इनकी शादी हुई थी। इनकी शादी में किसी भी प्रकार का बैंड बाजा, डीजे या अन्य चीजों जैसे तामझाम नहीं थे। 8 फेरे लेते हुए बबीता फोगाट का विवाह हुआ था।

बताते चलें कि बबीता फोगाट को लोग भारतीय कुश्ती की दुनिया में एक ही नाम से जानते हैं। जब बबीता की उम्र 6 वर्ष की थी तो वह अपने गांव में भाई बहनों के साथ कुश्ती का अभ्यास किया करती थीं। गांव में लड़का और लड़कियों में भेद देखकर वह काफी दुखी हुआ करती थीं। बस यही सोच बदलने के लिए उन्होंने कोशिश की जिसमें उनके पिताजी ने भी साथ दिया। बबीता के पिताजी का यह मानना था कि लड़कियां किसी भी मामले में लड़कों से कम नहीं होती हैं। पिता का साथ मिलने के बाद बबीता पहलवानी के अभ्यास में लग गईं। उनके पिता ही उनके कोच भी थे। बबीता के पिता भी अपने समय के मशहूर पहलवान रह चुके हैं। आपको बता दें कि पहलवान बबीता फोगाट के ही जीवन पर आधारित फिल्म “दंगल” भी बनी थी, जिसने सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कमाई का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी।