हाथरस केस में योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिखाया एक्शन, SP-DSP और इंस्पेक्टर को किया सस्पेंड

14 सितंबर को यूपी के हाथरस में एक 19 वर्षीय लड़की के साथ जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया. इस अपराध के चार आरोपी है लेकिन प्रशासन की तरफ से जो कार्रवाई की गई उसका विरोध पूरा देश कर रहा है साथ ही न्याय व्यवस्था पर एक सवाल खड़ा कर रहा है. हालाँकि केस के पेचीदा होने पर अब हाथरस कांड में योगी सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है. आपको बता दें कि हाथरस के एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर पर सख्त कार्रवाई करते हुए. तीनों को सस्पेंड कर दिया गया है. और खबर है कि सभी का नारको पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया जाने वाला है. लेकिन इसमें पीड़िता के परिवार का भी टेस्ट करवाया जाएगा.

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर और कुछ अन्य के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. चंदपा थाने के पुलिसकर्मियों, वादी, प्रतिवादी सभी का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया जाएगा. जानकारी के लिए आपको बता दें कि निलंबित होने वाले अधिकारियों के नाम एसपी विक्रांत वीर, सीओ राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, एसआई जगवीर सिंह हैं. बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि हाथरस के जिलाधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है. लेकिन फिलहाल उनका नाम लिस्ट में नहीं शामिल हुआहै. जिस तरीके से हाथरस प्रशासन ने इस पूरे मामले को हैंडल किया है उससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं. और कार्रवाई को सीधे अपनी निगरानी में देख रहे हैं.

दरअसल इस पूरे केस में हाथरस के जिला अधिकारी प्रवीण कुमार और एसपी ने जिस तरह से कार्रवाई की है, उसके बाद से ही वो निशाने पर आ गए हैं. जिला अधिकारी प्रवीण कुमार पर तो गैंगरेप पीड़िता के परिवार वालों ने गंभीर आरोप भी लगाए हैं. और पीड़िता के परिजनों ने प्रशासन पर धमकाने और दबाव डालने का आरोप लगाया है. तथा उनको बाहर आने जाने और मीडिया से संपर्क करने से भी रोका गया है.

हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें हाथरस के डीएम पीड़ित परिवार को धमकी देते दिखाई दे रहे हैं. हाथरस के डीएम कह रहे हैं कि मीडिया वाले तो चले जाएंगे, लेकिन प्रशासन को यहीं रहना है. हाथरस के पीड़ित परिवार का कहना है कि उनको धमकाया जा रहा है. केस को रफा-दफा करने के लिए दवाब डाला जा रहा है. हमें घर में कैद कर रखा है.

प्रियंका बोलीं-कुछ मोहरों को सस्पेंड करने से क्या होगा 

एक तरफ, योगी सरकार की इस कार्रवाई पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रतिक्रिया दी है. प्रियंका गांधी ने कहा कि कुछ मोहरों को सस्पेंड करने से क्या होगा? हाथरस की पीड़िता, उसके परिवार को भीषण कष्ट किसके ऑर्डर पर दिया गया? हाथरस के डीएम, एसपी के फोन रिकार्ड्स पब्लिक किए जाएं. और ऑर्डर देने वालों के नाम सामने लाए जाएं. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि ये क्या अन्याय है योगी जी? गुड़िया तो अपने साथ हुई दरिंदगी का बयान देकर दुनिया से चली गई है. उसका शव जबरन जला दिया गया है. सारे सबूत मिटा दिये गये. अब परिवार का नार्को टेस्ट करायेंगे. क्या उस गुड़िया के बयान पर भरोसा नहीं?

उमा भारती बोलीं- पुलिसिया कार्रवाई से बीजेपी की छवि पर आंच

हालाँकि इससे पहले बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने हाथरस कांड पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में रामराज्य लाने का दावा किया गया है, किन्तु इस घटना पर पुलिस की संदेहपूर्ण कार्रवाई से आपकी यूपी सरकार और भारतीय जनता पार्टी की इमेज को नुकसान हुआ है.