बेटी के जन्म से पहले पिता ने छोड़ दी लाखों की नौकरी, कहा- पैसे से ज्यादा जरूरी बच्चे की देखभाल है

लोग ज्यादा सैलरी वाली नौकरी तलाश करते रहते हैं। हर कोई यही चाहता है कि उन्हें किसी बड़ी कंपनी में अच्छी जॉब मिले और उनकी अच्छी खासी सैलरी भी हो, जिससे वह अपनी और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर सके और एक अच्छी जिंदगी जी पाएं। ऐसी नौकरी पाने के लिए लोग दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं। जब हाई सैलरी वाली जॉब मिल जाती है तो लोग बेहतर से बेहतर काम करते हैं ताकि हाथ से यह नौकरी निकल ना जाए।

इसी बीच आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने अपनी हाई सैलेरी वाली जॉब को खुशी-खुशी छोड़ दिया। जी हां, एक शख्स ने अपनी बेटी के जन्म से कुछ दिन पहले ही अपनी नौकरी छोड़ दी, जहां पर वह काफी हाई सैलेरी पा रहे थे। शख्स चाहता है कि वह अपनी छोटी बच्ची के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताएं। शख्स के अनुसार यह एक तरह से करियर में उनका प्रमोशन है। यह सारी चीजें आपको थोड़ी अटपटी लग रही होंगी, लेकिन यह सच है।

खुशी खुशी छोड़ दी लाखों की नौकरी

दरअसल, आज हम आपको जिनके बारे में बता रहे हैं उनका नाम अंकित जोशी है, जिन्होंने अपनी बेटी के जन्म से कुछ दिन पहले ही अपनी नौकरी छोड़ दी, जहां पर वह काफी हाई सैलरी प्राप्त कर रहे थे। अंकित जोशी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर से ग्रेजुएट हैं। अंकित जोशी ने कहा कि उन्होंने अपनी नवजात बेटी के साथ समय बिताने के लिए अपनी लाखों की नौकरी छोड़ दी है। अंकित जोशी एक कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट थे।

अंकित जोशी ने अपने द्वारा लिए गए इस फैसले के बारे में ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए इंटरव्यू में बताया कि “बेटी के जन्म के कुछ दिन पहले, मैंने अपनी हाई सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी। मुझे पता है कि यह एक अजीबोगरीब फैसला था। लोगों ने उन्हें चेतावनी दी थी कि आगे चीजें मुश्किल हो जाएंगी, लेकिन मेरी पत्नी ने फैसले का समर्थन किया।”

समय देना ज्यादा जरूरी

अंकित जोशी हौसर नाम की कंपनी में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर काम कर रहे थे। उनकी नौकरी के दौरान उन्हें अक्सर ट्रैवल करने की जरूरत पड़ती थी। यह एक ऐसी चीज थी कि जो वह अपनी बेटी के जन्म के बाद करने को तैयार नहीं थे। अंकित जोशी ने अपनी बेटी का नाम स्पीति रखा है। अंकित जोशी ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए इंटरव्यू के दौरान यह बताया कि “मेरी बेटी के दुनिया में आने से पहले ही, मुझे पता था कि मैं अपना सारा समय उसके साथ बिताना चाहता था, मेरे सप्ताह भर के पितृत्व अवकाश से अधिक। मुझे पता था कि यह मुश्किल होने वाला है। मैंने कुछ महीने पहले ही वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में एक नया काम शुरू किया था।”

इस्तीफा देने का विकल्प चुना

अंकित जोशी यह जानते थे कि उनकी कंपनी उनके सप्ताह भर के पितृत्व अवकाश का विस्तार नहीं कर पाएगी इसलिए उन्होंने अपनी भूमिका से इस्तीफा देने का विकल्प चुना। अपनी नौकरी छोड़ने के बाद से अंकित जोशी ने अपना समय स्पीति की देखभाल के लिए समर्पित किया। उन्होंने अपनी बेटी का नाम ऐसा इसलिए रखा क्योंकि उन्होंने और उनकी पत्नी ने स्पीति घाटी की यात्रा के बाद फैसला लिया कि वह अपनी बेटी का नाम इस शानदार जगह के नाम पर रखेंगे। जोशी का कहना है कि वह कुछ महीनों के बाद नई नौकरियों के लिए आवेदन शुरू कर देंगे। इस दौरान वह अपनी बेटी के साथ पूरा समय बिताने की योजना बना रहे हैं।

अंकित जोशी ने एचओबी के साथ इंटरव्यू के आखिर में कहा कि छोटे पितृत्व अवकाश यह सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं कि माताएं पिता की तुलना में अधिक पितृत्व कर्तव्यों का निर्वाह करती हैं। उन्होंने कहा कि “मुझे यह देखकर निराशा होती है कि कैसे अधिकांश कंपनियां एक महत्वपूर्ण, लगभग न के बराबर पितृत्व अवकाश देती हैं। यह सिर्फ इस बारे में नहीं है कि पिता बच्चे के साथ कितना कम जुड़ता है, बल्कि परवरिश की भूमिका में पिता की जिम्मेदारी को कम करने के बारे में ज्यादा है।”

जहां तक जॉब छोड़ने की बात है तो वे कहते हैं कि जो कदम उन्होंने उठाया है वह आसान नहीं है। बहुत से पुरुष इसे नहीं उठा सकते। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में चीजें बदल जाएंगी क्योंकि पिछले एक महीने में उन्होंने जो जीवन जीया है वह उनके सभी वर्षों की मेहनत से कहीं अधिक संतोषजनक है।