13 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद गांव में जब पहुंचे सेना के जवान ,तो सामने आया भगवान शिव का एक चमत्कारी रहस्य

जैसा की हम सभी  जानते है आज हमारे देश में हर तरह बम बोल की ध्वनि गूंज रही है क्योंकि आज से सावन का पावन महीना शुरू हो चूका है और आज इस सावन महीने का पहला सोमवार है |हमारे हिन्दू धर्म में सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बहुत ही बड़ा पर्व होता है और हर कोई इस पर्व को बड़े ही धूम धाम से मनाता है |

वही आज  जहाँ पूरा देश महादेव की भक्ति में डूबा हुआ है वहीँ धारचूला तहसील के 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सीपू गांव में प्राचीन गुफा में भगवान शिव से जुड़े कुछ रहस्य सामने आये है जिसकी सुचना खुद वहाँ के  ग्रामीणों ने  ITBP टीम  को दी  |जैसे ही ग्रामीणों ने इस प्राचीन और रहस्यमयी गुफा की जानकारी आईटीबीपी  टीम तक पहुंचाई तो ग्रामीणों की सूचना पर आईटीबीपी के जवानों ने भी इस गुफा का निरीक्षण किया तो इस प्राचीन  गुफा में से कई रहस्य उजागर हुए जो काफी हैरान कर देने वाले थे ।

बता दे जब आईटीबीपी के जवानों ने इस गुफा का निरक्षण किया तो पाया की यइस गुफा की चौड़ाई करीब 16 फीट है तो वहीँ इसकी लंबाई चार से पांच किमी होने का अनुमान है।बता दे कुछ  दिनों पूर्व भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के डीआईजी एपीएस निंबाडिया ने धारचूला तहसील के सीपू गांव का दौरा किया था और उसी दौरान ग्रामीणों ने उन्हें इस गुफा की जानकारी दी थी  और ग्रामीणों ने इस गुफा का नाम महादेव गुफा बताई थी जिसके बाद डीआईजी एपीएस निंबाडिया ने आदेश दिया की इस गुफा का निरक्षण किया जाये की आखिर क्या रहस्य छिपा है इस प्राचीन गुफा में जिसके बारे में ग्रामीणों ने उन्हें जानकारी दी थी|

बता दे ग्रामीणों के द्वारा दी गयी जानकारी पर गुफा की जांच के लिए इस गुफा में जब जवान गये तो वे खुद भी उस गुफा क अंदर का नजारा देख आश्चर्यचकित रह गए। जवानों के द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक यह गुफा बेहद चौड़ी है। इसमें एक साथ चार वाहन प्रवेश कर सकते हैं। जवान लगभग दो किमी तक गुफा के भीतर गए। जवानों ने इस गुफा की लंबाई लगभग चार से पांच किमी होने का अनुमान लगाया है।

इसके अलावा जब आईटीबीपी जवान गुफा के अंदर तक गये तो उन्हें गुफा में कई सारे शिवलिंग बने  नजर आये है और इस गुफा के बाहर भी आकर्षक चट्टानें हैं और यही नहीं इस रहस्यमयी गुफा के भीतर हर समय  ऊपर से पानी टपकता रहता है। वहीँ  ग्रामीणों ने इस गुफा को धार्मिक पर्यटन के रूप में  विकसित करने की भी मांग की है  |

गुफा में पूजे जाते थे महादेव

गौरतलब है की इस गुफा को लेकर ग्रामीणों की मान्यता है की इस गुफा में भगवान शिव ने लंबे समय तक तपस्या की थी। उनके अनुसार जब भगवान  शिव इस गुफा में आये थे तो वे इस गुफा में मौजूद एक पत्थर पर बैठे,  और आज भी उनके पैरों के निशान  इन पत्थरों पर मौजूद हैं। शिव के यहां आने की मान्यता होने के कारण इस गुफा को महादेव गुफा के नाम से जाना जाता है।

इसके साथ ही इस गुफा के विषय में ग्रामीणों का कहना है की आज से कुछ साल पहले वे इस गुफा में जाकर  भगवान शिव की पूजा अर्चना किया करते हते लेकिन फिर धीरे धीरे वहाँ पानी की व्यवस्था न होने के कारण और अधिक ऊँचाई के कारण गांव वालों ने भगवान शिव की मूर्ति को गांव में ही स्थापित कर लिया और अब वहीँ पर पूजा अर्चना करते है लेकिन आज भी गांव में होने वाली हर बड़ी छोटी पूजा का प्रसाद उस गुफा तक अवश्य पहुँचाया जाता है |