हमारे भारत में सबसे तेजी से फैलता हुआ कारोबार है “डर”, क्या आप जानते है ?

हमारे देश भारत में आज बदलाव आ चूका है लेकिन ये बात भी बिलकुल सही है की ये बदलाव आज से ही नहीं हुआ है  बल्कि जब से हमारे देश में अंग्रेज आये थे तब से ही ये बदलाव आ चूका है और जैसे जैसे भारत में बदलाव आया वैसे वैसे यहाँ के लोग बदले उनकी सोच बदली साथ ही साथ देश के कारोबार भी बदल गये|इसके साथ ही  जब देश की  पुलिस बदली, और कानून बदले तो ये जाहिर सी बात है की  तब जुर्म करने वाले भी बदल गए, पहले की तरह  अब डकैत घोड़े पर सवार होकर टोली में मुंह को गमछा से बांध कर नहीं आते और यही नहीं  समाज का आईना कहे जाने वाले सिनेमा के जगत में भी आज कल डाकुओं से सम्बन्धित कोई फिल्म नहीं बांयी जाती है और अब पहले के तरह चोर छुरा दिखाकर लूटपाट भी नहीं करते है |

 

 

जिस तरह से आज हम विज्ञान की दें के वजह से भौतिक सुख सुविधाओं से लैस हो चुके है और इसीलिए आज हम अपना  सीना ठोककर कहते है की हम विकास कर गए हम हाई-टेक हो चुके है ठीक उसी तरह से हमारे देश में खतरनाक जुर्म करने वाले अपराधी भी ताल ठोककर कहता है की हम तुम से पीछे नहीं है।

आज कल के मुजरिम  मुंह पर गमछा बांधकर लूटने नहीं आते है  बल्कि आप ही से  गले मिलकर आपको ही लूट लेते हैं लेकिन इसमें इतना चौकने वाली बात क्या है आखिर ये सब भी तो  इस बदलते समाज, बदलती सोच, बदलते देश का ही हिस्सा  तो है |

 

 

हम भारतीयों की एक सबसे बड़ी खासियत ये है की हम हमेशा से ही अपनी गलती को छिपाने में ही अपनी शान समझते अब  इस लिए हम आपको दिल्ली का ही उदाहरन देते है जैसे आप दिल्ली का प्रदुषण तो देख ही रहे है  और ये बात तो हो ही नहीं सकता की दिल्ली में इतना अधिक प्रदुषण एकाएक सुनामी के जैसा आ गया और  हम इस बात से पहले अंजन थे की भविष्य में दिल्ली इतना प्रदूषित हो जायेगा |लेकिन अब देखिये जब प्रदूषण का लेवल बहुत उच्च हो गया है तो हम इसके दीर्घकालिक उपाय करने के बजाय मुंह पर मँहगे मास्क लगाए फिर रहे है और घर में एयर-प्यूरी-फायर लगाकर खुद को बड़ा तीस मारखाँ समझ रहे है। लेकिन आपने या हमने कभी भी ये  सोचा है इस प्रदूषण के डर को दिखाकर कितनी सारी कंपनियां आपसे कितनापैसा लूट रही है लेकिन इस समस्या का  समाधान आप बचपन से पढ़ते आ रहे है।

 

 

चलिए अब हम आपके इस डर का ही एक और उदाहरन देते है आपको याद होगा की  पिछले दिनों दिल्ली में हुए प्रदुम्न हत्याकांड ने कितने लोगों के दिलों को दहला कर रख दिया और  न जाने कितने हजारों अविभावकों के मन में ये डर पैदा हो गया की कहीं उनके बच्चे के साथ भी ऐसी कोई घटना ना हो जाये और सबसे गजब की बात लोगों के मन में इस घटना पर सोच विचार करने की बात ना आकर  जैसे  की ये पता करना की आखिर ये क्यों हुआ  इसके पीछे की वजह क्या रही होगी लोगों ने आनन फानन में न जाने कहाँ-कहाँ CCTV  कैमरे लगवा दिए और सोच लिए की बस अब हम निश्चिन्त हो सकते हैं लेकिन हमारा कहनाये है की  क्या एक छोटा सा कैमरा या कोई भी इस तरह की ख़ुफ़िया यंत्र इस तरह की घटनाओं को रोक सकता है तो इसका जवाब आप सभी के पास है |

 

अब हम आपको बताते है की हमारे |भारत में सुरक्षा का निजी कारोबार पर 2014 में कराए गए गैंट थॉमसन-फ़िक्की रिपोर्ट के मुताबिक यह बिज़नेस 40,000 करोड़ रुपये का था लेकिन  सालाना बढ़ोतरी की रफ़्तार इतनी तेज बढ़ी है की इस समय यह बिज़नेस 50,000 करोड़ को पार कर चुका है और एक रिपोर्ट में तो यह भी कहा गया है की यदि ये डर का बिज़नस ऐसे ही बढ़ता रहा तो  तो 2020 तक सिक्युरिटी का कारोबार 80,000 करोड़ रुपये तक पहुंचना तो तय ही है जिससे देश को भी आर्थिक लाभ होगा जैसे की इसमें 50 से 70 लाख लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा और इसी वजह से इस बिज़नस को भारत देश में रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र बताया गया है|