मां से जुदा हुआ बच्चा तो पुलिस अधिकारी ने अपना दूध पिलाकर बचाई जान, कहा- कुछ असाधारण नहीं किया…

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं पुलिस को लेकर हर किसी व्यक्ति के मन में अलग अलग सोच होती है परंतु हर पुलिस वाला एक जैसा नहीं होता है। अक्सर देखा गया है कि पुलिसकर्मी संकट के माहौल में अपना अपना फर्ज बखूबी तरीके से निभाते हैं और लोगों की पूरी सहायता करते हैं। इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप भी तारीफ करेंगे। दरअसल, केरल की एक महिला पुलिसकर्मी ने मां से जुदा हुए बच्चे को अपना दूध पिलाया और उसकी जान बचाई। अब इस महिला पुलिसकर्मी की हर और तारीफ हो रही है।

 

दरअसल, कोझिकोड़ के चेवायूर थाने से जुड़ीं सिविल पुलिस अधिकारी (सीपीओ) रम्या हाल ही में उस समय चर्चा में आईं जब उन्होंने माता-पिता के बीच झगड़े के कारण मुश्किल में फंसे 12 दिन के बच्चे को दूध पिलाकर उसकी जान बचाई। केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश देवान रामचंद्रन और राज्य के पुलिस महानिदेशक अनिल कांत समेत कई प्रमुख हस्तियों ने इस नेक काम के लिए महिला अधिकारी की तारीफ की है। पुलिस अधिकारी एमआर रम्या का ऐसा कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो इस पेशे में आएंगी। स्कूल-कॉलेज के दिनों में वो शिक्षक बनना चाहती थीं। रम्या ने कभी ये भी नहीं सोचा होगा कि वो राज्य की पुलिस का मानवीय चेहरा बनेंगी और समाज में चारों तरफ तारीफ पाएंगी।

महिला अधिकारी की हुई प्रशंसा

न्यायमूर्ति रामचंद्रन (Justice Ramachandran) ने रम्या को भेजे संदेश में कहा था “आज आप पुलिस का सबसे अच्छा चेहरा बन गई हैं। एक शानदार अधिकारी और एक सच्ची मां- आप दोनों हैं। स्तनपान एक दिव्य उपहार है, जो केवल एक मां ही दे सकती है और आपने ड्यूटी निभाते हुए यह उपहार दिया। आपने हम सभी में, भविष्य में मानवता के जिंदा रहने की उम्मीद कायम रखी है।”

पुलिस अधिकारी ने क्या कहा?

रम्या ने कहा कि उन्हें कभी नहीं लगा कि उन्होंने कुछ असाधारण किया है क्योंकि उस स्थिति में वह एक पुलिस अधिकारी से ज्यादा एक महिला और मां थीं।” रम्या ने कहा “जब हम बच्चे की तलाश कर रहे थे, तब मैं मां और उससे जुदा हुए शिशु के बारे में सोच रही थी। मैं बस यही चाहती थी कि किसी तरह दोनों का मिलन हो जाए। इस बीच मैं अपने पति से बात कर रही थी और वह यह कहकर मुझे दिलासा दे रहे थे कि मुझे और मेरे साथियों को इस मिशन में पक्का कामयाबी मिली है।”

जानिए क्या है पूरा मामला?

दरअसल, हम आपको जिस घटना के बारे में बता रहे हैं यह 29 अक्टूबर को हुई थी। जब शिशु की मां ने कोझिकोड़ के चेवायूर थाने में शिकायत दर्ज कराई। जिसमें दावा किया गया कि उसका बच्चा लापता है और पति से झगड़े के कारण वह उसे अपने साथ ले गया है। रम्या ने कहा कि पुलिस ने अंदाजा लगाया कि शिशु का पिता उसको लेकर बेंगलुरु जा सकता है, जहां वह काम करता है। इसके बाद वायनाड सीमा पर थानों को अलर्ट किया गया। राज्य की सीमा पर वाहनों की जांच के दौरान सुल्तान बथेरी पुलिस को बच्चा और उसका पता पिता मिल गया।


मां का दूध नहीं मिलने की वजह से बच्चा बहुत थका हुआ लग रहा था, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। वहां पहुंच कर पता चला कि बच्चे का शुगर लेवल कम है। यह पता चलने के बाद चेवायूर पुलिस टीम में शामिल रम्या बच्चे को लाने वायनाड गईं और डॉक्टरों से कहा कि वह बच्चे को दूध पिलाना चाहती हैं, जिसके बाद उन्होंने बच्चे को दूध पिलाया और उसकी जान बच गई।