144 करोड़ के आलिशान घर में प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस ने फ्रेम करवा कर लगाया ‘विवाह गठबंधन’, देखिए तस्वीरें

विदेश में अपनी घर गृहस्थी बसा चुकी बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा इन दिनों खासी चर्चा बटोर रही हैं. बता दें कि उन्होंने हॉलीवुड एक्टर व सिंगर निक जोनस संग शादी की है. हालाँकि इनकी शादी को काफी समय बीत चुका है लेकिन दोनों एक दूसरे को अपना प्यार जताने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ते हैं, वहीँ निक भी प्रियंका की ख़ुशी के लिए हिंदू धर्म से जुडी कईं रस्में निभाते रहते हैं. हाल ही में इस कपल ने दिवाली पूजन किया था जिसकी फ़ोटोज़ सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुई थी. तस्वीरों में निक जोनस को प्रियंका का पूजा के समय भरपूर साथ देते हुए साफ तौर पर देखा जा सकता था.

बता दें कि प्रियंका चोपड़ा आए दिन अपने 144 करोड़ के बंगले से शानदार फोटो शेयर करती नजर आ ही जाती है. अक्सर इंस्टाग्राम पर उनके घर की झलक देखने को मिल जाती है वही इस बार उनकी घर की तस्वीरें जो वायरल हुई है उसमें से एक तस्वीर सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर रही है. इस तस्वीर की खासियत यह है कि इसमें आपको उन पर विवाह का खूबसूरत गठबंधन फ्रेम करके लगाया हुआ दीवार पर नजर आ सकता है. हालांकि ऐसा पहली बार हुआ है जो विदेश में रहने के बावजूद भी कोई अभिनेत्री अपनी भारतीय संस्कृति को नहीं भूली और शादी की यादों को बेहद खूबसूरती से संजो कर रखा है. बता दें कि विवाह का गठबंधन हिंदू समाज में काफी अहमियत रखता है. यह पति पत्नी को हमेशा याद दिलाता है कि वह एक बंधन में बंध चुके हैं और जीवन के हर पहलू में अब उन्हें एक दूसरे का साथ निभाना है. वहीं प्रियंका ने भी स्पंदन को निभाने की ठान ली है शायद यही कारण है जो उन्होंने इस तस्वीर को अपने घर की दीवार पर फ्रेम करवाकर लगा लिया है.

तीर्थव्रतोद्यापन यज्ञकर्म मया सहैव प्रियवयं कुर्या:

वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति वाक्यं प्रथमं कुमारी।।

पहला वचन 

बता दें कि हिंदू धर्म में विवाह के दौरान लिए गए सातों के सात फेरे काफी अहम होते हैं और हर फेरे में दूल्हा-दुल्हन एक दूसरे के कोई ना कोई वचन देते हैं. वही पहले वचन में दूल्हा अपनी दुल्हन को यह कहता है कि वह हमेशा उसकी खुशी और स्वास्थ्य का ध्यान रखेगा और उसकी हर जरूरत को पूरा करेगा. इसके अलावा बाहर व्रत और धर्म कर्म के कामों में उसको अपने साथ रखेगा जबकि दुल्हन यह कहती है कि वह सभी जिम्मेदारियों को अब घर की बहू बनकर बखूबी निभाएगी और जीवन साथी बन कर एक मजबूत जीवन की शुरुआत करेगी.

पुज्यो यथा स्वौ पितरौ ममापि तथेशभक्तो निजकर्म कुर्या:

वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं द्वितीयम।।

दूसरा वचन

इस वचन में दुल्हन अपने पति से कहती है कि जिस तरह वह उसके माता-पिता का सम्मान करेगी ठीक वैसे ही सम्मान उसे उसके माता-पिता का भी करना होगा. आगे कहती है कि एक दूसरे की सुरक्षा के लिए हम हमेशा एक दूसरे का साथ देंगे और घर व बच्चों की देखभाल करने में भी एक दूसरे का भरपूर सहयोग करेंगे यानी कुल मिलाकर एक दूसरे के साथ मानसिक, भावनात्मिक और शारीरिक तीनों रूप से जुड़े रहेंगे.

जीवनम अवस्थात्रये मम पालनां कुर्या:।

वामांगंयामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं तृ्तीयं।।

तीसरा वचन

इस वचन में दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे के पक्ष में खड़े रहने के लिए एक दूसरे को एहसास दिलाते हैं. इसके अलावा वह एक दूसरे के प्रति वफादार रहने का वादा करते हैं और कहते हैं कि चाहे जिंदगी में कोई भी परिस्थिति क्यों ना आए वह दूसरे का हमेशा साथ देने और उसका मिलकर हल भी ढूंढेंगे.

कुटुम्बसंपालनसर्वकार्य कर्तु प्रतिज्ञां यदि कातं कुर्या:

वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं चतुर्थ:।।

चौथा वचन

इस फेरे के दौरान दुल्हन अपने होने वाले पति को कहती है कि अब वह अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निभाएंगे क्योंकि अब परिवार के सभी जिम्मेदारियां उनके सर पर आने वाली है ऐसे में वह मिलकर इस जिम्मेदारियों के भार को उठाएंगे यानी यह चौथा फेरा परिवार और समाज की एकजुटता का प्रतीक है.

स्वसद्यकार्ये व्यवहारकर्मण्ये व्यये मामापि मन्त्रयेथा।

वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रूते वच: पंचमत्र कन्या।।

पांचवा वचन

दुल्हन इस फेरे के दौरान पति से यह वचन लेती है कि वह उसका एक अच्छा मित्र बनकर रहेगा और उसे हर तरह के कार्य और लेनदेन व अन्य खर्चों में उसे साथ शामिल करेगा साथ ही उसकी पसंद और नापसंद का भी ख्याल रखेगा.

न मेपमानमं सविधे सखीनां द्यूतं न वा दुर्व्यसनं भंजश्चेत।

वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं च षष्ठम ।।

छठा वचन

इस फेरे  के दौरान दुल्हन कहती है कि यदि वह अन्य स्त्रियों या अन्य लोगों में बैठी हो तो उसका पति उसका किसी तरह से अपमान नहीं करेगा और जिंदगी भर हर परिस्थिति में उसका साथ देगा और उसके साथ कभी भी दुर्व्यवहार करके उसे खुद से दूर नहीं करेगा.

परस्त्रियं मातूसमां समीक्ष्य स्नेहं सदा चेन्मयि कान्त कूर्या।

वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रूते वच: सप्तमत्र कन्या!!

सातवां वचन

इस वचन में यह कहा गया है कि पति पत्नी बनने के बाद अब वह किसी तीसरे शख्स को जिंदगी में नहीं लाएंगे. दरअसल पत्नी पति से यह वचन मांगती है कि अब से पराई स्त्रियां देखना भी उसके पति के लिए गलत माना जाएगा और उनकी आपसी प्रेम के बीच अब कोई अन्य स्त्री को भागीदार नहीं माना जाएगा.

बता दें कि प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस ने हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादी की थी दोनों के घर में लगे गठबंधन के फ्रेम से यह बात साफ जाहिर होती है कि भले ही आज वह विदेश है लेकिन अब भी उनका दिल भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ है और हमेशा से वह इन रीति-रिवाजों का सम्मान करती रहेंगी.